MP के संस्कृति मंत्री को जन्मदिन पर मोमबत्ती बुझाने पर है ऐतराज, जानिए क्यों बताया गलत?
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MP के संस्कृति मंत्री को जन्मदिन पर मोमबत्ती बुझाने पर है ऐतराज, जानिए क्यों बताया गलत?

MP News in Hindi: मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने जन्मदिन पर मोमबत्ती बुझाने की परंपरा पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यह अंधकार की ओर जाने का प्रतीक है और हमें अपनी संस्कृति के अनुसार माता-पिता का आशीर्वाद लेकर जन्मदिन मनाना चाहिए.

Dharmendra Lodhi Statement

Dharmendra Lodhi Statement: अक्सर जब भी किसी का जन्मदिन मनता है और तो केक काटते समय मोमबत्तियां बुझाता है. हालांकि एमपी के संस्कृति मंत्री को जन्मदिन पर मोमबत्तियां बुझाने पर एतराज है. मध्य प्रदेश के संस्कृति/पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने जन्मदिन को लेकर कहा कि हमारे समय में मंदिर जाकर माता-पिता से आशीर्वाद लेकर इसे मनाया जाता था, लेकिन अब इसे अंग्रेजी पद्धति से मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि धर्मेंद्र लोधी ने कहा कि आज जन्मदिन पर बच्चे मोमबत्तियां बुझा कर प्रकाश से अंधकार की ओर जाते हैं. हम हिंदी पढ़ेंगे, लिखेंगे और बोलेंगे. नई शिक्षा नीति में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए काफी काम किया गया है. 

'बच्चों को अंधकार की ओर ले जाती है'
दरअसल, मध्य प्रदेश के संस्कृति और पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने हिंदी दिवस पर एक सार्वजनिक भाषण में जन्मदिन की अंग्रेजी परंपरा पर सवाल उठाते हुए मोमबत्ती बुझाने की प्रथा को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि यह परंपरा बच्चों को अंधकार की ओर ले जाती है, जबकि उनके जमाने में लोग जन्मदिन मंदिर जाकर माता-पिता का आशीर्वाद लेकर मनाते थे. मंत्री लोधी ने इस बात पर जोर दिया कि हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं का पालन करना चाहिए और अंग्रेजी रीति-रिवाजों से दूर रहना चाहिए.  साथ ही उन्होंने हिंदी के महत्व पर भी बात की और कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत हिंदी को बढ़ावा देने के लिए काफी काम हुआ है. अंत में उन्होंने हिंदी दिवस की बधाई दी और कहा कि हमें हिंदी भाषा को पढ़ने, लिखने और बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए.

वहीं, हिंदी दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए धर्मेंद्र लोधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा, "सागर में मिलती धाराएं, हिन्दी सबका संगम है. शब्द, नाद, लिपि से भी आगे एक भरोसा अनुपम है. गंगा कावेरी की धारा, साथ मिलाती हिन्दी है. पूरब-पश्चिम, कमल-पंखुरी सेतु बनाती हिन्दी है.आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! "

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