श्रवण तिवारी को ओपी चौधरी की जीत पर इतना विश्वास था कि उन्होंने यहां तक ऐलान कर दिया था कि अगर ओपी चौधरी चुनाव हारते हैं तो वह अपनी मूंछ मुंडवा लेंगे.
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बिलासपुरः छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान जिस सीट की सबसे अधिक चर्चा थी वह थी, रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट. दरअसल, खरसिया विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल का राज रहा था, तो वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में उनकी जगह उनके बेटे ने खरसिया में परचम लहराया था. ऐसे में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उमेश पटेल ने एक बार फिर इस सीट पर बड़े मतों के अंतर से जीत दर्ज कराई है. वहीं उमेश पटेल की जीत और ओपी चौधरी की हार से अलग एक बीजेपी नेता ऐसा है जिसे इस समय अपनी मूंछों का डर सता रहा है. दरअसल, बीजेपी नेता श्रवण तिवारी को ओपी चौधरी की जीत पर इतना विश्वास था कि उन्होंने यहां तक ऐलान कर दिया था कि अगर ओपी चौधरी चुनाव हारते हैं तो वह अपनी मूंछ मुंडवा लेंगे.
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बता दें खरसिया से बीजेपी प्रत्याशी रहे ओपी चौधरी कलेक्टरी छोड़ राजनीति में किस्मत आजमाने आए थे. देश भर में चर्चाओं में बने रहने के बाद भी खरसिया में उमेश पटेल के आगे उनका जादू फीका पड़ गया और उन्हें भारी मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में कई बीजेपी नेता ऐसे थे जिन्हें उनकी जीत पर काफी भरोसा था, लेकिन खरसिया में उमेश पटेल की लोकप्रियता और राज्य में सत्ता विरोधी लहर होने के चलते ओपी चौधरी हार गए. ऐसे में 1988 में जूदेव के प्रस्तावक रहे श्रीवानी को अब अपनी मूंछों की कुर्बानी देनी होगी.
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ओपी चौधरी की जीत को लेकर आश्वस्त श्रवण श्रीवानी ने कहा था कि ''लोगों और मतदाताओं का रुझान और जिस प्रकार से उन्होंने (ओपी चौधरी) आगे बढ़कर लोगों की मदद की है, मैं दावे के साथ कहता हूं कि इस बार खरसिया विधानसभा का परिणाम ओपी चौधरी के पक्ष में होगा. अगर ओ पी चौधरी नहीं जीतते हैं और परिणाम विपरीत आते हैं तो मैं जीवन भर के लिए अपनी मूंछ मुंडवा लूंगा.'' बता दें श्रीवानी 1988 के चुनाव में दिलीप सिंह जूदेव के प्रस्तावक रह चुके हैं. इसके साथ ही वह खरसिया से पार्षद पद पर भी रह चुके हैं.