छत्तीसगढ़ में सरकारी दफ्तरों और मंत्रालय में मिट्टी के बर्तनों में परोसा जाएगा खाना
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छत्तीसगढ़ में सरकारी दफ्तरों और मंत्रालय में मिट्टी के बर्तनों में परोसा जाएगा खाना

ग्रामोद्योग विभाग ने ये प्रस्ताव तैयार करके सभी विभागों को भेज दिया है, और वहां से जैसे ही मंजूरी मिलती है इस प्रयोग को क्रियान्वित भी कर दिया जाएगा.

महासमुंद के पास एक गांव में ये बर्तन तैयार किए जा रहे हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रजनी ठाकुर/रायपुरः छत्तीसगढ़ में अब जल्द ही मंत्रायल या किसी भी सरकारी दफ्तर में होने वाले बैठक या आयोजन में नेता और मंत्रियों को मिट्टी के बर्तनों में खाना परोसा जाएगा. जिसमें कप प्लेट से लेकर पानी की बोतल भी मिट्टी के ही बनाए जाएंगे. ग्रामोद्योग विभाग ने ये प्रस्ताव तैयार करके सभी विभागों को भेज दिया है और वहां से जैसे ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है इस प्रयोग को क्रियान्वित भी कर दिया जाएगा. जिसके बाद मंत्रालय में सभी को, चाहे वह मंत्री हो या कोई अन्य, उन्हें मिट्टी के बर्तन में ही खाना दिया जाएगा. वहीं मंत्रालय और सरकारी दफ्तरों से स्टील और अन्य धातू के बर्तनों को हटा दिया जाएगा.

बता दें अगर छत्तीसगढ़ में यह प्रयोग सफल हो जाता है तो देशभर में वह अपनी तरह का पहला ऐसा राज्य होगा जो VIP कल्चर में मिट्टी की महक लेकर आएगा. ग्रामोद्योग विभाग के मंत्री रुद्र कुमार का कहना है कि ऐसा करने से ग्रामोद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर निर्मित होंगे. साथ ही इसके कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी हैं. इसलिए यह प्रस्ताव पेश किया और अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो जल्द ही मंत्रालय और सरकारी दफ्तरों में स्टील की जगह मिट्टी के बर्तन देखने को मिलेंगे.

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ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने आगे कहा कि विभाग का मकसद इस प्रयोग के जरिए ना सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है, बल्कि गांव में जो कुम्हार हैं, उन्हें रोजगार देना भी है. फिलहाल महासमुंद के पास एक गांव में ये बर्तन तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही 2 और नई जगहों पर इसके निर्माण के लिए व्यवस्था की जाएगी. ताकि अधिक मात्रा में मिट्टी के बर्तन तैयार किए जा सकें. बता दें छत्तीसगढ़ सरकार का अगर यह प्रयोग सफल होता है तो अन्य राज्यों में भी इसे अपनाने की कवायद शुरू हो सकती है.

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