मध्य प्रदेशः सतना में 4 सालों में गायब हुए 721 से भी अधिक बच्चे, जानें क्या कहते हैं आंकड़े
Advertisement

मध्य प्रदेशः सतना में 4 सालों में गायब हुए 721 से भी अधिक बच्चे, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

 परिजनों की मदद से अब तक अब तक केवल 380 नाबालिकों को बरामद किया गया लेकिन, 341 लड़कियां आज भी लापता हैं. पुलिस का दावा है कि लापता मासूमों की तलाश के लिए लगातार अभियान चल रहा है

सतना जिले में मासूमों के लापता होने के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

संजय लोहानी/सतनाः मध्य प्रदेश के सतना जिले में नाबालिक बच्चे और बच्चियों की तादात लगातार बढ़ती ही जा रही है. नाबालिगों के परिजनों को उनकी कोई खोज खबर नहीं मिल पा रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो सतना जिले में पिछले 4 सालों में 721 नाबालिग लड़कियां सतना से लापता हुई हैं, जिस पर नए नियम के तहत पुलिस अब अपहरण का मामला दर्ज कर चुकी है, लेकिन वह बात और है कि पुलिस इनकी तलाश करने के बजाय सिर्फ कागजी कार्रवाई ही पूरी कर पाई है. हालांकि, परिजनों की मदद से अब तक अब तक केवल 380 नाबालिगों को बरामद किया गया लेकिन, 341 लड़कियां आज भी लापता हैं. पुलिस का दावा है कि लापता मासूमों की तलाश के लिए लगातार अभियान चल रहा है और बरामदी भी हो रही है.

साल 2017-18 के आकड़ों पर नजर डालें तो सतना जिले में डेढ़ हजार से ज्यादा गुम इंसानों की शिकायत जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हैं. गुम इंसानों में हर आयु वर्ग के महिला-पुरुष हैं और बच्चे हैं. 2017 में सतना जिले से 206 बच्चे लापता हुए, जिन्हें ढूंढने के लिए नए नियम के तहत 363 (अपहरण) का केस दर्ज किया गया है, जबकि प्रौढ़ लापता व्यक्तियों के मामले में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज है. जिले में लड़कों से दुगनी संख्या में बच्चियां लापता हैं. बच्चियों की खोज के लिए विभिन्न थानों में अपहरण का मामला दर्ज है

देखें लाइव टीवी

ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, जिसको लेकर किसी बड़े मानव तस्कर गिरोह के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है. साल 2019 में सतना पुलिस ने नागौद, जैतवारा, मैहर थाना क्षेत्र से लापता पांच नवालिग मासूमों के अपहरण का खुलासा किया था. जिसमे मानव तस्करी के सबूत मिले थे और नागपुर से गिरोह के सरगना एक महिला और दो पुरुषों को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि अब तक सतना पुलिस ने 380 नाबालिग बालिकाओं को बरामद किया है, लेकिन 341 बच्चियों का अभी भी कोई पता नहीं चल सका है, जिनकी तलाश जारी है. लापता मासूमों के परिजनों की मानें तो पुलिस कोई कार्रवाई नही करती. खुद तलाशने की बात कह कर वापस भेज देती है.

यहां इंसान का नहीं भैंस का अपहरण कर मांगते थे लाखों की फिरौती, जानिए कैसे हुआ खुलासा

सतना जिले में मासूमो के लापता होने के बढ़ रहे आंकड़े पुलिस की कार्यप्रणाली पर सबालिया निशान लगा रहे हैं. हालांकि सतना पुलिस के इन आंकड़ो की मानें तो प्रदेश में सतना जिला मासूमों की बरामदगी को लेकर दूसरे नम्बर पर है और सतत अभियान चलाकर मासूमों की बरामदगी के प्रयास चल रहे हैं. बहरहाल जिले में मासूमों के लापता होने की लगातार घटनाएं जारी हैं.

Trending news