chhattisgarh foundation day: 1 नवंबर 2000 ये वो दिन था जिस दिन मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया. छत्तीसगढ़ आज 23 साल का हो चुका है. अपने 22 साल के सफर में छत्तीसगढ़ ने बहुत बदलाव देखें हैं.
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chhattisgarh foundation day: तृप्ति सोनी/रायपुर: 1 नवंबर 2000 ये वो दिन था जिस दिन मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया. 21वीं सदी की शुरुआत में छत्तीसगढ़ का बनना राज्य के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग का सार्थक होना था. पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की बातें या यूं कहें मांग भारत की आजादी के पहले से रखी जा रही थी, आजादी के बाद इस मांग ने आंदोलन का रूप अख्तियार कर लिया. हजारों लोगों ने पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की मांग के साथ समय-समय पर दिल्ली में अपनी आवाज बुलंद की.
बता दें कि आज से 23 साल पहले 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की गई थी. उस समय केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार थी. इस दौरान केंद्र सरकार ने तीन नए राज्यों की स्थापना की, जिसमें छत्तीसगढ़ के साथ, बिहार से अलग झारखंड और उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया गया था.
35 साल आंदोलन के बाद मिला राज्य
छत्तीसगढ़ी समाज के कार्यकर्ताओं ने 35 साल तक अनवरत आंदोलन जारी रखा. 1999 में विद्याचरण शुक्ल और श्यामाचरण शुक्ल ने पृथक राज्य छत्तीसगढ़ का समर्थन करते हुए आंदोलन को और गति दी. अलग-अलग छत्तीसगढ़ी संस्थाओं के लगातार आंदोलन का परिणाम था कि राजनीतिक नेता जो पहले छोटे राज्य का विरोध करते थे. उन्हें इस आंदोलन को गति देने के लिए बाध्य होना पड़ा. अपनी बोली भाषा और संस्कृति की पहचान को सहेजने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य की परिकल्पना की गई, परिकल्पना साकार तो हुई पर उद्देश्य अभी भी पूरी तरीके से आकर नहीं ले पाया है.
गौंड राजाओं के किलों से निकला नाम
राज्य का पौराणिक नाम तो कौशल राज्य है, जो भगवान श्रीराम की ननिहाल कहा जाता है. वैसे तो कई कहानियां छत्तीसगढ़ के नाम पर आज प्रचलित हैं, लेकिन असल कारण गोंड राजाओं के 36 किले होना था. जी हां, इन 36 किलों को गढ़ भी कहा जाता है. इन्हीं के कारण इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा.
छत्तीसगढ़ का इतिहास एक नजर में
- 1 नवंबर, 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया
- प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण कौशल' के नाम से जाना जाता था.
- रामायण और महाभारत में भी मिलता है उल्लेख.
- 6वीं और 12वीं शताब्दियों के बीच सरभपूरिया, पांडुवंशी, सोमवंशी, कलचुरी और नागवंशी शासकों ने यहां शासन किया.
- साल 1904 में यह प्रदेश संबलपुर उड़ीसा में चला गया और 'सरगुजा' रियासत बंगाल से छत्तीसगढ़ के पास आया.
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