सोमवार को छत्तीसगढ़ लोक तिहार छेरछेरा (chherchhera tihar) की धून रही. सभी अपने से बड़ों के पास छेरछेरा मांगने पहुंचे. इस बीच भाजपा युवा मोर्चा और किसानों ने छेरछेरा मांगा.
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रायपुर: प्रदेश में छत्तीसगढ़िया लोकपर्व तिहार छेरछेरा (chherchhera tihar) धूम रही, गली-गली बच्चों की टोली 'छेर छेरा! माई कोठी के धान ला हेर हेरा!' गाते हुए परिजनों के पास पहुंचे और परिजनों से पैसा और अनाज लिया. लेकिन त्यौहार पर भी प्रदेश में सियासत जारी रही. प्रदेश के किसानों का एक गुट सीएम हाउस छेरछेरा मांगने पहुंचे. वहीं कई जिलों में प्रदर्शन कर भाजपा युवा मोर्चा ने सरकार के बेरोजगारों के छेरछेरा देने की मांग की.
सीएम समेत पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने दी शुभकामनाएं
सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) सहित भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने प्रदेशवासियों को छेरछेरा पर्व (chherchhera tihar) की बधाई दी. सभी ने प्रदेश के खुशहाली और किसानों के तरक्की की कामना की. लेकिन सोमवार को नवा रायपुर में किसानों के आंदोलन का आज 15वां रहा. किसानों का एक दल आज मुख्यमंत्री निवास पहुंचा. इस दौरान किसानों ने छेरछेरा में अपनी मांगों को मानने की अपील की. हालांकि सीएम का यूपी दौरा होने के कारण किसानों की उनसे मुलाकात नहीं हो पाई.
रायपुर भाजयुमो ने किया प्रदर्शन
रायपुर में भाजयुमो (BJYM Protest Raipur) ने छेरछेरा पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. शास्त्री चौक पर प्रदर्शन कर उन्होंने प्रदेश के हर यूवा के लिए बेरोजगारी भत्ता की मांग की मांग की. भाजयुमो ने कहा छेरछेरा के मौके पर बेरोजगारों को 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान करना चाहिए. रायपुर के अलावा धमतरी में भी बीजेपी युवा मोर्चा ने प्रदर्शन किया. कई इलाकों में प्रदर्शन कर कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकर के खिलाफ मोर्चा खोला और प्रदेश के बेरोजगारों के लिए 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ते की मांग की.
प्रदेश में रही छेरछेरा की धूम
पूरे छत्तीसगढ़ में छेरछेरा की धूम देखने को मिली. बलौदाबाजार जिले के ग्रामीण अंचलों में बच्चों की टोलियों में छेरछेरा मांगते नजर आए. हालांकि शहरी इलाके में तिहार पर कोरोना का असर नजर आया. जिला मुख्यालय में कम ही लोक छेरछेरा मांगते नजर आए. ग्रामीण इलाकों में बुजुर्गों ने डंडा नृत्य कर छेरछेरा पर्व को मनाया. वहीं गौरेला-पेड्रा-मरवाही में भी छेरछेरा पर्व पर युवा जोश से लबरेज नजर आए. यहां परंपरागत रूप से गांव के युवक घर-घर जाकर डंडा नृत्य करते नजर आए. बच्चे शाम तक माई कोठी के धान ला हेर हेरा की आवाज लगा कर पैसे या अन्न का दान मांगते रहे. लोग भी उन्हें खुशी से झोली भर-भर के दान किए.
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जांजगीर में लोगों ने उन्मुक्त हाथों से किया दान
छेरछेरा का जांजगीर चांपा में बड़ा उत्साह रहा. यहां किसानों और आम लोगों ने धान का दान करके धार्मिक और मानवीय परंपराओं का निर्वहन किया. किसानों ने दिल खोल कर दान किया. वहीं आम लोगों ने भी बच्चों की टोलियों को उन्मुक्त हाथों से दान किया. वहीं कोरोबा में भी नई फसल के खलिहान से घर आ जाने के बाद मनाए जा रहे छेरछेरा को धून धाम से मनाया. कोरबा वासियों ने आज अपनी लोक परंपारा निभाई. जिले के गांवों में छेरछेरा का दान मांगने बच्चों व युवाओं की टोलियां घर-घर दस्तक देती रही और चारों तरफ छेरछेरा कोठी के धान ल हेरते हेरा के स्वर गूंजते रहे.
क्या है छेरछेरा तिहार
छत्तीसगढ़ में नई फसल के घर आने की खुशी में पौष मास की पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी तिहार मनाया जाता है. इसी दिन मां शाकम्भरी जयंती भी मनाई जाती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं. इस दिन 'छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा' बोलते हुए गांव के बच्चे, युवा और महिलाएं खलिहानों और घरों में जाकर धान और भेंट स्वरूप रुपए इकट्ठा करते हैं और इकट्ठा किए गए धान और राशि से वर्षभर के लिए कार्यक्रम बनाते हैं.
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