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रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक के पहले एकीकृत किसान पोर्टल https://kisan.cg.nic.in लॉन्च किया. कृषि विभाग के सहयोग से एनआईसी द्वारा तैयार एकीकृत किसान पोर्टल पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना तथा कोदो-कुटकी, रागी उपार्जन योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को एक बार ही पंजीयन कराना होगा. मुख्यमंत्री ने एकीकृत किसान पोर्टल को लांच करते हुए किसानों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इससे किसानों के लिए पंजीयन कराना आसान हो जाएगा. विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें एक बार ही पंजीयन कराना होगा.
कृषि उत्पादन आयुक्त एवं कृषि विभाग की सचिव डॉ. एम गीता ने एकीकृत पोर्टल के संबंध में बताया कि विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया का इस पोर्टल के माध्यम से सरलीकरण किया गया है, इससे विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों का सुगमतापूर्वक पंजीयन हो सकेगा. एकीकृत पोर्टल के माध्यम से योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रबंधन, पर्यवेक्षण एवं रिपोर्टिंग में आसानी होगी. एकीकृत किसान पोर्टल में भूमि एवं गिरदावरी के भुंइयां पोर्टल से ऑनलाइन सत्यापन होगा और सटीक व त्वरित डाटा प्राप्त किया जा सकेगा. किसानों की जमीन के भौतिक सत्यापन और योजनाओं के तहत उनको दी जाने वाली राशि की गणना में भी पोर्टल से आसानी होगा. इस पोर्टल पर उपलब्ध डाटा को आवश्यकतानुसार कैरी फार्वर्ड (आगे बढ़ाया) भी किया जा सकेगा.
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राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत किसानों का खसरावार, फसलवार पंजीयन एकीकृत पोर्टल में सहकारी समिति के माध्यम से 30 सितम्बर तक किया जाएगा. कृषक के आवेदन और दस्तावेज का प्रारंभिक परीक्षण ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा. वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन हेतु पंजीकृत किसानों को पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है. इन पंजीकृत किसानों के डाटा को एकीकृत पोर्टल में उपयोग किया जाएगा. एकीकृत पोर्टल को भुंइयां पोर्टल से लिंक किया गया है. पंजीयन के समय सहकारी समिति द्वारा कृषक के खसरावार भूमि का विवरण भुंइयां से मिलान किया जाएगा. भूमि विवरण एवं गिरदावरी आंकड़े का भुंईयां पोर्टल से स्वमेव ऑनलाईन सत्यापन होगा.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना और धान उपार्जन के लिए वन पट्टाधारी कृषकों का पंजीयन एकीकृत पोर्टल से सहकारी समिति के माध्यम से किया जाएगा. कृषक के आवेदन तथा दस्तावेज का प्रारंभिक परीक्षण ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा. संस्थागत, लिजी, अधिया, रेगहा, बटाईदार, डूबान क्षेत्र हेतु धान उर्पाजन से संबंधित कृषकों के पंजीयन की कार्यवाही खाद्य विभाग द्वारा सहकारी समिति के माध्यम से की जाएगी. इस हेतु अलग से लिंक एकीकृत पोर्टल पर दिया जाएगा. धान उर्पाजन हेतु नवीन पंजीयन, संशोधन राजीव गांधी किसान न्याय योजना के एकीकृत पोर्टल में किया जाएगा.
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गत वर्ष में धान पंजीकृत एवं विक्रय रकबे में धान के बदले अन्य वैकल्पिक फसल व वृक्षारोपण करने वाले कृषकों का पंजीयन एकीकृत पोर्टल में किया जाएगा. वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वन अधिकार पट्टाधारक, ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन समिति के पंजीयन हेतु विकसित पोर्टल एकीकृत पोर्टल से लिंक किया गया है, ताकि आवेदकों को पंजीयन हेतु सिंगल विंडो प्रदाय किया जा सके.
वृक्षारोपण का पंजीयन 30 नवम्बर तक होगा. आवेदन पत्र को संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय में जमा किया जाएगा. परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा दस्तावेज सत्यापन उपरांत पोर्टल में दर्ज किया जाएगा. स्थल सत्यापन जी.पी.एस. के माध्यम से वन मंडलाधिकारी द्वारा किया जाएगा. राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत कोदो-कुटकी और रागी फसल भी सम्मिलित है. अनुसूचित क्षेत्र के कृषकों से कोदो-कुटकी एवं रागी का उपार्जन एकीकृत पोर्टल में पंजीकृत कृषकों के डाटा के अनुसार लघु वनोपज संघ द्वारा उपार्जन किया जाएगा.
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इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना डॉ. एस. भारती दासन, एनआईसी के स्टेट हेड टी.एन. सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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