Happy birthday Bhupesh Baghel: जिस नेता ने खत्म किया छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सूखा, जानें उनके अनसुने किस्से
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Happy birthday Bhupesh Baghel: जिस नेता ने खत्म किया छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सूखा, जानें उनके अनसुने किस्से

Bhupesh Baghel Birthday: भूपेश बघेल के साथ सेक्स सीडी कांड का मामला भी जुड़ा. बघेल पर आरोप लगे और उन्हें जेल भी जाना पड़ा.

Happy birthday Bhupesh Baghel: जिस नेता ने खत्म किया छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सूखा, जानें उनके अनसुने किस्से

रायपुरः Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel Birthday: 23 अगस्त को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel Birthday) का 60वां जन्मदिन है. लंबे समय तक विधायक रहने के बाद 2018 में उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. शपथ लेते ही उन्होंने नए छत्तीसगढ़ के निर्माण हेतु 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का नारा दिया. लेकिन, मुख्यमंत्री बनने के 6 महीनों बाद ही वह विवादों में आ गए थे, जब जनता चौपाल के दौरान पुरुषों को गमछा और महिलाओं को दुपट्टा तक उतारना पड़ गया था. उनके जन्मदिन पर जानें उनके अनसुने किस्से और उनका राजनीतिक सफर.  

बाबरी मस्जिद ढहाने पर निकाली सद्भावना यात्रा
23 अगस्त 1961 को दुर्ग जिले के बेलौदी गांव में नंदकुमार बघेल और बिंदेश्वरी बघेल के यहां भूपेश का जन्म हुआ. रायपुर स्थित साइंस कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया. जमीन स्तर पर राजानीतिक सफर शुरू करने वाले भूपेश 1990 में दुर्ग जिला युवक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए. भूपेश बघेल अपनी सियासत की शुरुआत से ही फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं. बघेल को छत्तीसगढ़  में पदयात्राओं की राजनीति के लिए जाना जाता है. बघेल ने पदयात्राओं के जरिये पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने पर उन्होंने 350 किलोमीटर की सद्भावना यात्रा निकाली थी.  

CM की दांवेदारी के वक्त उभरा नाम
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा माना जाता है. प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी करीब 52 फीसदी है. ऐसे में छत्तीसगढ़ की सत्ता पर वापसी के बाद कांग्रेस हाईकमान ने सीएम के 4 दावेदारों में से भूपेश बघेल को चुन कर बड़ा दांव खेला था. इससे पहले भी तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष चरणदास महंत के इस्तीफे के बाद साल 2014 में भूपेश बघेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भी कांग्रेस हाईकमान ने यहीं सियासी दांव चला था. 

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राहुल गांधी के भरोसेमंद नेता
भूपेश बघेल को राहुल गांधी का भरोसेमंद सिपहसालार माना जाता है. बघेल को सीएम बनाने के निर्णय में भी सबसे बड़ी भूमिका राहुल गांधी की थी. कहा जाता है कि राहुल ने ही बघेल के नाम को लेकर सोनिया गांधी को कन्विंस किया था. अब भूपेश बघेल प्रियंका गांधी की गुडलिस्ट में भी हैं. 

कुछ इस तरह बने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
भूपेश बघेल के प्रदेश अध्यक्ष बनने का किस्सा भी खास है. साल 2014 की बात है. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष चरणदास महंत 2013 विधानसभा चुनाव में हार का जिम्मा लेते हुए इस्तीफा दे चुके थे. ऐसे में हाईकमान को किसी बेहतर चेहरे की तलाश थी. भूपेश बघेल एक कार्यक्रम में अपने विधानसभा क्षेत्र में थे. एक मंदिर में पूजा करके निकले ही थे तभी राहुल गांधी का फोन आया. राहुल गांधी ने कहा कि 'आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा रहा है'. भूपेश बघेल थोड़ी देर आवाक रहें. फिर उन्होंने कहा- ' जैसा आपका आदेश'. इस तरह भूपेश बघेल प्रदेश अध्यक्ष बने. और फिर चुनाव जीत के बाद सीएम.

'जन चौपाल' में उतरवा दिए महिलाओं के दुपट्टे!
2018 में मुख्यमंत्री बनने के 6 महीनों बाद ही भूपेश बघेल विवादों में घिर गए थे. जब जुलाई 2019 में सीएम के रूप में उन्होंने पहली 'जन चौपाल' आयोजित की. यहां उनकी सिक्योरिटी में लगे कर्मचारियों ने अपनी परेशानी बताने आई जनता का गमछा, यहां तक की महिलाओं के दुपट्टे तक उतरवाकर बाहर रखवा दिये थे. कई लोगों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ा, बताया गया कि कई लोग इसी परेशानी के चलते अपनी समस्या सुनाए बिना ही घर लौट गए थे. 

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BJP के हमले पर कांग्रेस ने किया बचाव
दुपट्टा और गमछा उतरवाने की इस घटना पर मुख्य विपक्षी दल BJP ने हमला बोलते हुए कहा था, 'वाह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी. छत्तीसगढ़ के मान-सम्मान का प्रतीक है दुपट्टा-पगड़ी लेकिन जन चौपाल में आपसे मिलने आए लोगों की शिकायतें सुनने से पहले उनके गमछे-पगड़ी को सीएम हाऊस में उतरवाकर यूं टांग दिया. दुपट्टा-पगड़ी से भी आपकी सुरक्षा को खतरा है क्या?'

मुख्यमंत्री पर हुए हमले के बाद कांग्रेस ने कहा था, 'जैसे ही सूचना मिली, दुपट्टा-पगड़ी उतरवाना बंद कर दिया गया. हम गलतियों को तत्काल सुधारते हैं. सुरक्षाकर्मियों ने एहतियात के नाम पर गलती की. जनता और जनप्रतिनिधि के बीच का यह खूबसूरत रिश्ता प्यार और विश्वास पर कायम होता है.'

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बच्चों के साथ खेलने लगे थे वॉलीबॉल
बात जनवरी 2021 की है, जब नक्सली क्षेत्र बीजापुर के लोहाडोंगरी में एक पहाड़ी के सौंदर्यीकरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे थे. यहां लोगों के लिए स्पोर्ट्स एक्टिविटिज भी रखी गई थीं, जिन्हें देख CM बघेल खुद को रोक नहीं सके और खुद भी मैदान में उतर आए. यहां बैडमिंटन, वॉलीबॉल, सॉफ्ट बॉल और तीरंदाजी की. बीजापुर कलेक्टर, SDM के साथ ही मंत्री-विधायक ने भी उनके साथ खेलों का लुत्फ उठाया था. इस दौरान वॉलीबॉल खेलने का उनका वीडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ था.

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सेक्स सीडी कांड भी जुड़ा नाम के साथ
भूपेश बघेल के साथ सेक्स सीडी कांड का मामला भी जुड़ा. बघेल पर आरोप लगे और उन्हें जेल भी जाना पड़ा. लेकिन उन्होंने अपनी छवि सच के लिए लड़ने वाली बनाई. कांग्रेस को इससे नुकसान नहीं हुआ. अंतागढ़ उपचुनाव टेप कांड के बाद भूपेश बघेल स्वर्गीय अजीत जोगी को पार्टी से बाहर कराने में सफल रहे. इससे कार्यकर्ताओं में बघेल के प्रति विश्वास बढ़ा और पार्टी में नई ऊर्जा आई.

32 की उम्र में बनें विधायक
1993 में 32 साल की उम्र में पाटन विधानसभा क्षेत्र से वह पहली बार विधायक बनें. 1994 में पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष पद की कमान सौंपी. 1993 के बाद 1998, 2003, 2013 और 2018 में भी पाटन से पांच बार विधानसभा चुनाव जीता. अविभाजित मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें परिवहन मंत्री और परिवहन निगम का अध्यक्ष भी बनाया गया. 2003 से 2008 के दौरान उन्होंने विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई. 2003 से 2018 तक उन्होंने लगातार मजबूत विपक्षी होने की जिम्मेदारी निभाई.

दिसंबर 2018 में बनें मुख्यमंत्री 
2000 में छत्तीसगढ़ विभाजन के बाद वे लगातार विपक्ष की भूमिका में रहें. 2013 में पार्टी ने उन्हें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी. एक समय गुटबाजी में फंस रही कांग्रेस से गुटबाजी करने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया. इसी के फलस्वरूप 15 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस का इंतजार खत्म हुआ और 2018 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जीत हासिल की. 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने जनता से किए वादों को पूरा करना शुरू कर दिया. उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए कई योजनाएं भी शुरू कीं. 

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