देश भर में प्रसिद्ध है छत्तीसगढ़ का चमत्कारी मंदिर! नवरात्रि में लगता है भक्तों का तांता
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2441554

देश भर में प्रसिद्ध है छत्तीसगढ़ का चमत्कारी मंदिर! नवरात्रि में लगता है भक्तों का तांता

Shardiya Navratri: 3 अक्टूबर गुरुवार को शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है. जो कि हर साल की तरह इस बार भी अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक धूमधाम से मनाई जाएगी. देशभर में मां दुर्गा के कई ऐसे मंदिर है जिनके चमत्कारों की कहानी काफी प्रचलित है. आइए आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताते है, जहां नवरात्रिं में साक्षात मां दुर्गा के आने के प्रमाण मिलते है. 

देश भर में प्रसिद्ध है छत्तीसगढ़ का चमत्कारी मंदिर! नवरात्रि में लगता है भक्तों का तांता

Chhattisgarh Devi Mandir: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिला मुख्यालय से 15-16 किलोमीटर दूर हरदी ग्राम है, जहां प्रसिद्ध महामाया मंदिर है. नवरात्रि में काफी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सप्तमी की रात मां महामाया देवी शेर पर सवार होकर यहां साक्षात आती हैं और अपने आने का भक्तों को प्रमाण भी देती हैं. हर साल नवरात्रि में सप्तमी में  इस मंदिर में मां महामाया का चमत्कार देखने श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं. नवरात्रि में सप्तमी के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. महामाया मंदिर परिसर में भोले भंडारी, मां दुर्गा, राम-जानकी, साईबाबा सहित अन्य देवी देवता स्थापित है, जो अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

सप्तमी पर साक्षात रुप में आती है मां दुर्गा 
ग्रामीणों के अनुसार पिछले कई दशकों से सप्तमी की देर रात लोग जब मंदिर के बाहर भजन-कीर्तन में डूबे रहते हैं, उसी वक्त मां महामाया शेर पर सवार होकर साक्षात रूप में मंदिर के गर्भगृह में पहुंचती हैं. सप्तमी पर मंदिर में पूजा का सिलसिला रात 11 बजे तक जारी रहता है, इसके बाद कुछ समय के लिए ट्रस्ट द्वारा मंदिर के सभी पट बंद कर दिए जाते हैं. रात 12 बजे के बाद जब मंदिर का पट खोला जाता है, तो माता की प्रतिमा के सामने फर्श पर शेर के पंजे के निशान दिखते हैं, जिसकी एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ टूट पड़ती है.

मंदिर के ही पुजारी जितेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि शेर कहां से आता है, इसकी जानकारी आज तक किसी को नहीं हुई है. जिस वक्त माता शेर पर सवार होकर मंदिर के गर्भगृह में पहुंचती है, उस समय सभी दरवाजे बंद रहते हैं, ऐसे में मंदिर के अंदर किसी व्यक्ति के पहुंचने का कोई रास्ता भी नहीं रहता.

वर्षों से चली आ रही है परंपरा 
यहां महामाया देवी मां का मंदिर नीम पेड़ के नीचे स्थापित हैं. यहां शाम के समय महाआरती की जाती है, जिसमें हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. वहीं नवरात्रि में सप्तमी की रात शेर के पंजे के निशान देखने काफी ज्यादा संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. मंदिर में यह परंपरा सालों से चलती आ रही है. हर साल नवरात्रि में कपाट खुलने के बाद शेर के पदचिह्न के निशान या माता के पदचिन्ह भक्तों को देखने को मिलते हैं.मंदिर का पट खुलने के बाद जब पात्र में रखी प्रसाद सामग्री की गिनती की जाती है, तो उसमें कोई एक चीज गायब मिलती है.

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें  MP News और पाएं MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश  की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news