सूरजपुर पुलिस लड़कियों और महिलाओं को दे रही 'हिम्मत', कमांडो दे रहे सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
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सूरजपुर पुलिस लड़कियों और महिलाओं को दे रही 'हिम्मत', कमांडो दे रहे सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में महिला अपराधों में कमी और महिला सशक्तिकरण को लेकर पुलिस ने अनोखी कोशिश की है. पुलिस ने जिले में हिम्मत कार्यक्रम चलाया है. इसके जरिए शहर एवं ग्रामीण इलाकों में लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाए जा रहे हैं.

सेल्फि डिफेंस की ट्रेनिंग लेने वाली लड़कियां. एसपी भावना गुप्ता (इनसेट)

ओपी तिवारी/सूरजपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में महिला अपराधों में कमी और महिला सशक्तिकरण को लेकर पुलिस ने अनोखी कोशिश की है. पुलिस ने जिले में हिम्मत कार्यक्रम चलाया है. इसके जरिए शहर एवं ग्रामीण इलाकों में लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाए जा रहे हैं. शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इन्हें ट्रेंड करने के लिए घातक कमांडो फोर्स के कमांडो को तैनात किया गया है. पुलिस के इस प्रयास की चर्चा पूरे जिले में हो रही है.

सूरजपुर जिला प्रदेश का पहला जिला है जहां लड़की और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके पीछे मानना है कि इससे बढ़ते महिला अपराध पर अंकुश लगाया जा सकेगा. जिले के अलग-अलग इलाकों में अभी तक सैकड़ों लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही उन्हें कानून की जानकारी देकर उनका आत्मबल बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि सूरजपुर के सबसे दूरस्थ इलाके बिहारपुर में भी लड़कियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. यह वह इलाका है जहां सबसे ज्यादा महिला उत्पीड़न के मामले सामने आते हैं.

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बच्चों को ट्रेंड करने के लिए घातक कमांडो की पोस्टिंग की गई है, जो इंटरनेशनल लेवल पर ट्रेंड होते हैं. कमांडो चंदन टोप्पो ने बताया कि सूरजपुर के बच्चों में काफी संभावनाएं हैं. यहां के बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होने के साथ ही. कराटे में अपना भविष्य देख रहे हैं.

जिले की पहली आईपीएस महिला अधिकारी भावना गुप्ता ने यह पहल की है और उनका मानना है कि लड़कियां किसी भी तरह से लड़कों से कम नहीं हैं. सिर्फ उनका मनोबल बढ़ाने की और उन्हें ट्रेनिंग की जरूरत है. ताकि वह मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत हों और अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें. जिले में प्रत्येक वर्ष 100 से ज्यादा मामले महिला उत्पीड़न के दर्ज किए जाते हैं, ऐसे में यह कार्यक्रम महिलाओं को एक हिम्मत देगा.

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