वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वन मिलियन ट्री कार्यक्रम की प्रमुख निकोल सेवाड ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण, ट्री कवर और फॉरेस्ट कवर को बढ़ाने के क्षेत्र में किए जा रहे कामों की तारीफ की और कहा कि जंगलों को अर्थव्यवस्था से जोड़ना एक महत्वपूर्ण कदम है.
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रायपुरः वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में छत्तीसगढ़ का डंका बजा है. दरअसल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने वन संरक्षण के लिए किए जा रहे कामों के लिए छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की तारीफ की है. इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम बघेल भी जुड़े. इस दौरान सीएम ने कहा कि वनवासियों ने ही जंगल को बचाया है और वे ही वनों के संरक्षक हैं.
बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा वैश्विक स्तर पर वन ट्रिलियन ट्री योजना पर काम किया जा रहा है. जिसमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण को और कैसे बेहतर बनाया जाए. इस संबंध में वन ट्रिलियन ट्री कार्यक्रम की प्रमुख निकोल सेवाड ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से परिचर्चा की. इस दौरान वन ट्रिलियन ट्री कार्यक्रम की संचालक सुश्री रित्विका भट्टाचार्य और सुश्री भैरवी जानी ने भी कार्यक्रम के बारे में सीएम को जानकारी दी.
निकोल सेवाड ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण, ट्री कवर और फॉरेस्ट कवर को बढ़ाने के क्षेत्र में किए जा रहे कामों की तारीफ की और कहा कि जंगलों को अर्थव्यवस्था से जोड़ना एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा सकता है. कार्यक्रम के दौरान सीएम ने बताया कि वैज्ञानिक तरीकों से वनों के संरक्षण और भूजल स्त्रोत को रिचार्ज करने का काम किया जा रहा है. इससे छत्तीसगढ़ के नाले 10 से बढ़कर 30 सेंटीमीटर तक रिचार्ज हो गए हैं.
साथ ही छत्तीसगढ़ में लघुवनोपज के क्षेत्र में भी बेहतर काम किया जा रहा है. सीएम बघेल ने कहा कि जंगलों को वनवासियों ने ही बचाया है और वो ही वनों के रक्षक हैं. राज्य के आदिवासी, जो वनों पर निर्भर हैं, उन्हें समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सामुदायिक वन अधिकार पट्टों का वितरण कर रही है. साथ ही सीएम ने नरवा योजना का भी जिक्र किया, जिससे राज्य के नालों में पानी रिचार्ज हुआ. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी भी मौजूद रहे.