संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का सामूहिक इस्तीफा, कहा- गोबर इकट्ठा कर सरकार को देंगे पैसा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh752460

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का सामूहिक इस्तीफा, कहा- गोबर इकट्ठा कर सरकार को देंगे पैसा

छत्तीसगढ़ में 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं. नियमितिकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा देना शुरू कर दिया है.

फाइल फोटो

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं. नियमितिकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. जांजगीर-चांपा जिले में पिछले 4 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया. 

कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांगों पर अब तक सरकार किसी भी तरह से निर्णय नहीं ले पाई है जिसकी वजह से वह आहत है और अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हड़ताली कर्मियों ने कहा है कि वे अब अपने-अपने क्षेत्र में जाकर गोबर गट्ठा करेंगे और उसे गोठनों में बेचेंगे साथ ही उससे मिलने वाले पैसे को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे ताकि यह पैसे सरकार के काम आ सके. 

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई पर अमित जोगी ने बघेल सरकार को कहा 'तानाशाह', प्रियंका गांधी से की शिकायत

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल पर सियासत
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) से जुड़े संविदा स्वास्थ्यकर्मियों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के अध्यक्ष अमित जोगी ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार संविदा कर्मियों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रही है. प्रियंका गांधी के ''अभियान संविदा नहीं सम्मान चाहिए'' की याद दिलाते हुए उन्होंने स्वाथ्यकर्मियों की नियमितीकरण की मांग की है. साथ ही उनकी बर्खास्तगी और FIR को भी निरस्त करने की का अनुरोध किया.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के अध्यक्ष अमित जोगी ने पत्र के जरिए बघेल सरकार पर हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की लड़ाई में स्वास्थ्यकर्मी अपना योगदान दे रहे हैं. पिछले 18 महीने से वे सरकार से नियमितीकरण की मांग कर रहे थे. लेकिन सरकार पर जूं तक नहीं रेंगी. ऐसे में हड़ताल करने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था. 

WATCH LIVE TV: 

Trending news