ग्वालियर-चंबल का 'रसूख' यानी बंदूकें फिलहाल थानों में ही जमा रहेंगी. नगरीय निकाय चुनावों के बाद हथियारों को वापस दिया जाएगा. पढ़िए पूरी खबर...
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ग्वालियर: कंधे पर बंदूक रखना ग्वालियर चंबल के लोग ससूख मानते हैं, लेकिन ये रसूख फिलवक्त सरकारी 'संदूक' में जमा रहेगा. ग्वालियर जिले की तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के मद्देनजर बंदूकों को थानों में जमा करवाया गया था. उपचुनाव का परिणाम आने के बाद भी जिला प्रशासन ने हथियारों को वापस करने के आदेश जारी नहीं किए हैं.
शादियों में नहीं दिखेंगी, निकाय चुनाव के बाद मिलेंगी बंदूक
ऐसे में माना जा रहा है कि दिसंबर से जनवरी में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों के बाद ही हथियारों को वापस किया जाएगा. कंधे पर बंदूकर रखकर चलना ग्वालियर-चंबल के लोग अपनी शान मानते हैं. खासकर शादियों में हर्ष फायर का चलन है. लेकिन इस बार थानों में हथियारों के जमा होने से शादियों में बंदूकें नजर नहीं आएंगी.
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कब है शादियों का सीजन
25 नवंबर से शादियों में शहनाई की गूंज सुनाई देगी. नवंबर और दिसंबर में केवल आठ दिनों के लिए विवाह मुहूर्त है. इसी बीच शादियां होंगी, लेकिन हथियार थानों में जमा हैं, लिहाजा इस बार अंचल में होने वाली शादियों में हथियार नहीं दिखेंगे.
इन्हें मिली थी छूट
उपचुनाव के मद्देनजर जब प्रशासन ने हथियार जमा कराए थे, तब रिटायर्ड सेना के जवान, पुलिस के अधिकारी व जवान, बैंकों के सुरक्षा गार्ड के अलावा विशेष परिस्थतियों में डेढ़ हजार से अधिक लाइसेंसधारियों को हथियार जमा नहीं करने की छूट मिली थी. शेष हथियार जिला प्रशासन व पुलिस ने थानों में जमा करा लिए थे.
बीते डेढ़ महीने से जमा हैं हथियार
बीते डेढ़ महीने से ये लाइसेंसी हथियार थानों में जमा हैं. अभी इनके वापस मिलने की संभावना भी नहीं है. ग्वालियर जिले में कुल 31,529 लाइसेंसी हथियार हैं, जिनमें से 15000 से अधिक लाइसेंसी हथियार देहात इलाके और शेष शहर के हैं.
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