MP में वोटिंग परसेंटेज पर सियासत: घटने के बाद बढ़ गया मतदान तो आंकड़ों पर शुरू हुई राजनीति
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MP में वोटिंग परसेंटेज पर सियासत: घटने के बाद बढ़ गया मतदान तो आंकड़ों पर शुरू हुई राजनीति

Lok Sabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में इस बार चरणों में लोकसभा चुनाव पूरा हुआ है, लेकिन चुनावों के बाद प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोटिंग प्रतिशत पर सियासत शुरू हो गई है. 

एमपी में वोटिंग प्रतिशत पर सियासत

Lok Sabha Election Voting Percentage: लोकसभा चुनाव अब आखिरी चरण में हैं, जबकि मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 13 मई को पूरा हो चुका था. इस बार प्रदेश में चार चरणों में चुनाव हुआ है, जिसमें वोटिंग प्रतिशत में उतार-चढ़ाव वाली स्थिति देखने को मिली है. पहले दो चरणों में मतदान में कमी देखी गई, लेकिन तीसरे और चौथे चरण में मतदान में बढ़ोत्तरी हुई. ऐसे में वोटिंग परसेंटेज के जो फाइनल आंकड़े आए हैं, उन पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासत शुरू हो गई हैं, क्योंकि कांग्रेस ने चुनाव आयोग के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं, तो बीजेपी ने भी लगे हाथ कांग्रेस पर पलटवार कर दिया. 

यहां से शुरू हुई सियासत 

दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ की एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद पूरे मामले पर सियासत शुरू हुई है. उन्होंने बुधवार को एक पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने लिखा 
'देश में चल रहे लोक सभा चुनाव में रियल टाइम मतदान और बाद में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी संशोधित मतदान के आंकड़ों में अब तक 1.07 करोड़ वोटों की वृद्धि हुई है. रियल टाइम और संशोधित आंकड़ों में वोटों की इतनी बड़ी वृद्धि अभूतपूर्व एवं चौंकाने वाली है.  मैं माननीय निर्वाचन आयोग से आग्रह करता हूं कि वह तत्काल स्थिति को स्पष्ट करे. चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होने के साथ पारदर्शी भी होनी चाहिए. पारदर्शिता के अभाव में कई बार सही प्रक्रिया भी गलत दिखाई देने लगती है. माननीय निर्वाचन आयोग को सभी भ्रम और शंका दूर करने के लिए सामने आना चाहिए और स्पष्ट बताना चाहिए कि आखिर वोटिंग के आंकड़ों में इतना बड़ा अंतर कैसे आया और इसकी क्या वजह है.'

कांग्रेस ने उठाए सवाल 

कमलनाथ की इस पोस्ट के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस इस मामले में एक्टिव हो गई. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रवि सक्सेना ने निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा पहली बार ऐसा हो रहा है जब 11 दिन बाद तक वोटिंग परसेंटज बढ़ रहा है, आंकड़ों के मुताबिक हर विधानसभा में 28 हजार वोटर बढ़ गए है. ऐसे में इस पूरे मामले में गड़बड़ी की आशंका दिख रही है. ऐसा करके देश की जनता के साथ छलावा किया जा रहा है. 

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बीजेपी का पलटवार 

वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है, बीजेपी के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा 'हार की हताशा से पहले कांग्रेस ने रिहर्सल शुरू कर दी है, कांग्रेस की हालत उस छात्र की तरह है जो साल भर पढ़ाई नहीं करता और रिजल्ट पर सवाल उठाता है.दिग्विजय और कमलनाथ हमेशा भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं, दोनों कभी ईवीएम तो कभी वोटिंग प्रतिशत पर सवाल उठाते हैं, फॉर्म 17C ऐसा दस्तावेज जो मतदान के दिन एजेंट को दिया जाता है. जब मतपेटी खुलती है तो उसका मिलान किया जाता है, ऐसे में हेर फेर का आरोप पूरी तरह मिथ्या है.'

उतार-चढ़ाव वाला रहा मतदान 

दरअसल, मध्य प्रदेश में इस बार मतदान उतार-चढ़ावा वाला रहा है, पहले दो चरणों में मतदान 2019 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा घट गया था. लेकिन तीसरे और चौथे चरण में मतदान में कुछ तेजी देखी गई थी. हालांकि मध्य प्रदेश में टोटल मतदान 2019 की अपेक्षा 2024 में कम ही रहा. प्रदेश की 29 में से केवल 3 सीटों पर मतदान इस बार बढ़ा था, जबकि बाकि की सभी 26 सीटों पर मतदान का प्रतिशत कम ही रहा. 

बता दें कि फिलहाल देश में पांचवें चरण का मतदान पूरा हो चुका है, जबकि अब केवल दो ही चरण छटवें और सातवें चरण का मतदान होना है. एक तरफ राजनीतिक दल मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिए कर रहे हैं तो दूसरी तरफ निर्वाचन आयोग भी मतदान प्रतिशत बढ़वाना चाहता है, ऐसे में वोटिंग प्रतिशत पर सियासत जमकर हो रही है. 

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