शहीद लेफ्टिनेंड धर्मेंद्र सिंह चौहान की स्मृति में एक स्मारक बनाये जाने का आज भूमि पूजन किया गया है. रतलाम शहर विद्यायक चेतन काश्यप ने अपने खर्च से इस शहीद स्मारक को बनाए जाने का बीड़ा उठाया है.
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रतलाम: आज महात्मा गांधी की पुण्य तिथि है जिसे शहीद दिवस के रूप में पूरा देश मनाता है, रतलाम में शहीद दिवस पर शहीद लेफ्टिनेंड धर्मेंद्र सिंह चौहान की स्मृति में एक स्मारक बनाये जाने का आज भूमि पूजन किया गया है. रतलाम शहर विद्यायक चेतन काश्यप ने अपने खर्च से इस शहीद स्मारक को बनाए जाने का बीड़ा उठाया है.
शहीद के निवास स्थल रिद्धि-सिद्धि कॉलोनी के बगीचे में शहीद लेफ्टिनेंड धर्मेंद्र सिंह चौहान के स्मारक बनाये जाने के कार्य का भूमि पूजन किया गया. इस दौरान शहीद की मां टमा कुंवर भी मौजूद रही , शाहिद दिवस पर शहीद लेफ्टिनेंड धर्मेंद्र सिंह चौहान की माँ टमा कुंवर का सम्मान किया गया, वही शाहिद लेफ्टिनेंड धर्मेंद्र सिंह चौहान की तस्वीर पर माल्यार्पण भी किया.
6 फीट से ऊंचा बनेगा स्मारक
रतलाम में शहीद लेफ्टिनेंड धर्मेंद्र सिंह का स्मारक करीब 6 फीट से ऊंचा होगा, वहीं इस स्मारक पर एक मार्बल पत्थर पर शहीद लेफ्टिंनेड कमांडर के वीर पराक्रम की गाथा को अंकित किया जाएगा. गौरतलब है कि पत्थर पर शहीद धर्मेंद्र सिंह चौहान का चेहरा भी बनाया जा सकता है. इसके लिए विशेष कारीगर की आवश्यकता होगी ,जो हूबहू चेहरे की नक्काशी पथ्थर पर करेगा.
इसके लिए फिलहाल अनुमानित व्यव राशि करीब 1 से डेढ़ लाख की बताई जा रही ही, यह स्मारक रतलांम के शहीद की गौराव गाथा को आने वाले समय में पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को याद दिलाता रहेगा.
रतलाम मेडिकल कॉलेज का नाम शाहिद धर्मेंद्र सिंह चौहान रखा जाए
रतलाम में मेडिकल कॉलेज का नवनिर्माण हुआ है इसमें शैक्षणिक सत्र भी शुरू हो गया है, लेकिन फिलहाल इस मेडिकल कॉलेज को कोई नाम नहीं दिया गया है. इसके लिए कई समाज सेवी संगठन व राजनीतिक नेताओं के अपने-अपने नामों को लेकर मांग भी कर चुके हैं.
रतलांम के शहीद लेफ्टिंनेड धर्मेंद्र सिंह चौहान की मां व पत्नी ने सरकार से मांग की है कि चाहे कोई भी आर्थिक या अन्य सहायता उनके परिवार को न दी जाए लेकिन सिर्फ एक ही मांग करते हैं कि रतलांम के मेडिकल कॉलेज का नाम शहीद धर्मेंद्र सिंह चौहान के नाम पर रखा जाए. शहीद की मां ने यह मांग फिलहाल मीडिया के माध्यम से ही कि है. इस मांग को लेकर कोई लिखित पत्र नहीं दिया गया है.
यह था शहीद का पराक्रम
2019 माह अप्रैल में कर्नाटक के पास नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य में आग लग गयी थी. उस दौरान युद्धपोत आईएनएस पर करीब जवान मौजूद थे, यदि हादसा बढ़ जाता तो शायद बड़ी जनहानि की सम्भवना थी, लेकिन इस दौरान आग को बुझाने में लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्र सिंह चौहान जख्मी हो गए और उन्हें नेवी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था.
लेफ्टिनेंड धर्मेंद्र सिंह चौहान ने अपने साथियों को बचा लिया लेकिन खुद शहीद हो गए, रतलाम में 28 अप्रैल 2019 को उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें पूरा रतलाम ही नहीं बल्कि अन्य शहरों से लोगों की भीड़ उमड़ी थी.