इतनी बड़ी संख्या में संदिग्ध मतदाताओं के सामने आने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय इनके वेरिफिकेशन में जुट गया है. सबसे ज्यादा 11 हजार संदिग्ध मतदाता ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में मिले हैं.
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करतार सिंह राजपूत/ग्वालियरः मध्य प्रदेश में आगामी कुछ माह में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में वोटर लिस्ट के पुनर्निरीक्षण का काम चल रहा है. इसी दौरान ग्वालियर में वोटर लिस्ट की जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल जिले में 43 हजार से ज्यादा मतदाता संदिग्ध पाए गए हैं. इस खुलासे से प्रशासन में हड़कंप मच गया है और इन संदिग्ध मतदाताओं की जांच शुरू कर दी गई है.
क्या है मामला
दरअसल पुनर्निरीक्षण के दौरान जब वोटर लिस्ट को सॉफ्टवेयर से मिलान किया गया तो सॉफ्टवेयर में जिले की 6 विधानसभाओं में 43,734 मतदाता संदिग्ध पाए गए. इनमें से 90 मतदाताओं के पते एक जैसे पाए गए हैं. वहीं 43 हजार से ज्यादा मतदाताओं की तस्वीरें एक जैसी पाई गई हैं. जिसके आधार पर सॉफ्टवेयर ने इन मतदाताओं को संदिग्ध माना है.
इतनी बड़ी संख्या में संदिग्ध मतदाताओं के सामने आने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय इनके वेरिफिकेशन में जुट गया है. सबसे ज्यादा 11 हजार संदिग्ध मतदाता ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में मिले हैं. वहीं ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में भी 10 हजार के करीब संदिग्ध मतदाता मिले हैं.
उप जिला निर्वाचन अधिकारी जेपी गुप्ता ने बताया कि जिले की वोटर लिस्ट में जो संदिग्ध मतदाता मिले हैं, उनके वेरिफिकेशन का काम शुरू किया जा रहा है. इसके लिए एआरओ (असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर) और बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) सत्यापन का काम कर रहे हैं. सत्यापन के बाद बचे हुए संदिग्ध मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे.
बता दें कि 4 जनवरी को अंतिम सूची का प्रकाशन होगा, उससे पहले सभी दावे, आपत्ति और संदिग्ध मतदाताओं का सत्यापन किया जा रहा है. 8 दिसंबर तक वोटर लिस्ट अपडेशन का काम चलेगा. इसके लिए अलग अलग जिलों में कैंप लगाए जा रहे हैं. खास बात ये है कि इस बार 17 साल से ज्यादा उम्र वाले युवाओं के भी आवेदन लिए गए हैं, उनकी संख्या हजारों में है.