Controversy On Shri Krishna: राधारानी पर विवादित टिप्पणी का मामला अभी शांत ही हुआ था कि अब श्रीकृष्ण पर टिप्पणी से बवाल खड़ा हो गया है. निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी ने श्रीकृष्ण से चरित्र पर सवाल उठाया. इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ.
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Controversy On Shri Krishna In Ujjain: सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की राधा रानी पर टिप्पणी पर मचा बवाल अभी पूरी तरह शांत भी नहीं पाया तब तक अब भगवान श्री कृष्ण पर टिप्पणी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी की श्रीकृष्ण पर टिप्पणी को लेकर उज्जैन के संत एकजुट हो गए हैं. संतों ने उन्हें पद से हटाने की मांग की है.
राजस्थान के ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी ने श्रीकृष्ण पर विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण से बड़ा चरित्रहीन कोई नहीं, क्योंकि उनकी 16,108 पत्नियां थीं और उनसे कई पुत्र थे. उनके इस बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में कुमार स्वामी यह भी कहा कि इंटरनेट पर हिंदुओं का अर्थ चोर और डाकू बताया गया है. सर्च करके देखिए. इसके बाद भी खुद को हिंदू कहोगे क्या?
उज्जैन के संतों ने किया विरोध
वीडियो पर विवाद के बाद उज्जैन के श्री मौनतीर्थ पीठ के पीठाधीश्वर और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद गिरि महाराज ने कहा है कि कुमार स्वामी को पद से हटा देना चाहिए. महामंडलेश्वर ने कहा, 'सनातन क्षेत्र में कार्य करने वाले ही सनातन के विपरीत बयान दे रहे हैं. ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी 25-30 साल से धर्म के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. आश्चर्य की बात यह है कि वे निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं और भगवान कृष्ण को चरित्रहीन कह रहे हैं. मैंने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिखा है कि चारों कुंभ में इनका आना निषेध करें. इनकी महामंडलेश्वरी खत्म करना चाहिए.'
प्रदीप मिश्रा ने मांगी माफी तब शांत हुआ विवाद
राधा रानी पर टिप्पणी को लेकर विवाद तब जाकर शांत हुआ, जब कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने बरसाना जाकर राधारानी के आगे नाक रगड़कर माफी मांगी. प्रदीप मिश्रा शनिवार को बरसाना गए थे. यहां उन्होंने राधा रानी को दंडवत प्रणाम किया. दरअसल, पं. प्रदीप मिश्रा ने अपनी पुरानी किसी में कहा था कि राधा जी बरसाना की नहीं थीं. पति का नाम अनय घोष था, सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था. इसको लेकर वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने कड़ी नाराजगी जताई थी. उन्हें कठोर शब्दों में माफी मांगने के लिए कहा था.