देश की राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को हुए मतदान के बाद गुरुवार को हुई मतगणना में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को बड़े अंतर से जीत मिली है. मुर्मू को तीसरे राउंड की गिनती के बाद 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए. आदिवासी समाज से आने वाली द्रौपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति होंगी. उनकी जीत पर बीजेपी कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं.
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नई दिल्ली: भारत का 15वां राष्ट्रपति (15th President of India) कौन होगा इसका अंतिम फैसला हो गया है. एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu 15th President of India) ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की है. देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं और आदिवासी समाज से आने वाली पहली महिला राष्ट्रपति है. उनकी जीत के बाद पूरे देश का आदिवासी समाज जश्न मना रहा है.
पीएम मोदी और विपक्ष के उम्मीदवार ने दी बधाई
भाजपा और उसके सहयोगी संगठन द्रौपदी मुर्मू की जीत की खुशी मना रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के तमाम बड़े नेताओं ने महामहिम बनने पर द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी है. चुनाव परिणामों के अधिकारिक ऐलान के बाद यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी द्रौपदी मुर्मू को 15वीं राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी है.
27 दलों को मिला हुआ था समर्थन
सबसे पहले संसद भवन में डाले गये वोटों की गिनती की गई उसके बाद राज्यों में डाले गए वोटों की गिनती शुरू हुई. इसके लिए अल्फाबेटिकली राज्यों के नाम से 10 राज्यों की मत पेटियां बारी बारी से निकाली गई. एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का चुना जाना शुरू से ही तय माना जा रहा था. उन्हें 27 दलों का समर्थन प्राप्त था. उनका पलड़ा शुरू से ही भारी रहा जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को 14 दलों का समर्थन प्राप्त था.
पैतृक गांव में जश्न का माहौल
द्रोपदी मुर्मू की निश्चित जीत को देखते हुए उनके पैतृक गांव उड़ीसा (ओडिशा) के रायरंगपुर में सुबह से ही जश्न की तैयारियां शुरू हो गई थी, सुबह से ही लड्डू बनना शुरू हो गए थे. वहां करीब 20 हजार लड्डू तैयार किये गए. उनके गांव के अलावा देश के सभी आदिवासी समाज में आज खुशी की लहर है. आदिवासी समाज से जुड़े लोक कलाकार दिल्ली में जश्न मना रहे हैं.
ओडिशा के मयूरभंज से आती हैं मुर्मू
20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के छोटे से गांव में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू संथाल आदिवासी समुदाय (Draupadi Murmu Santhal Tribal Community) से आती हैं. उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडू था, वे किसान थे. द्रौपदी मुर्मू की शुरूआती शिक्षा गांव के स्कूल में हुई, 1969 से 1973 तक आदिवासी आवासीय विद्यालय में पढ़ीं, उसके बाद ग्रेजुएशन के लिए भुवनेश्वर के रामा देवी वुमंस कॉलेज में एडमिशन ले लिया. द्रौपदी अपने गांव की पहली लड़की थी जो पढ़ने के लिए भुवनेश्वर गई थी.
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