Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसको लेकर पीथमपुर के लोग सड़कों पर उतर आएं हैं. लोगों का कहना है कि पीथमपुर में भोपाल का जहरीला कचरा नहीं जलने देंगे.
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Pithampur Protest News: भोपाल से पीथमपुर लाये जा रहे यूनियन कार्बाइट के कचरे का विरोध शुरू हो गया है. पीथमुपर के लोगों आज सुबह से ही सड़कों पर आ गए हैं. सभी ने काली पट्टी बांधी है. पीथमपुरा वासी इस बात का विरोध कर रहे हैं कि भोपाल से यूनियन कार्बाइट का कचरा पीथमपुर लाकर नहीं जलाने दिया जायेगा. उनका कहना है कि इस मामले में न्यायालय एक बार पुनः विचार करे और सरकार भी संज्ञान ले.
जानिए क्या बोल रहे स्थानीय लोग
दरअसल, पीथमपुरा के लोगों का मानना है कि भोपाल गैस कांड और यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे से पीथमपुर इंदौर सहित बड़ी मात्रा में फसल और पानी खराब होगा. उनका कहना है कि न्यायालय के आदेश का हम सम्मान करते हैं. लेकिन पीथमपुर की जनता और आम लोगों का ख्याल भी रखा जाए. स्थानीय लोगों का कहना है कि आने वाली पीढ़ियों को इस जहरीले कचरे के दुष्परिणाम भोगने होंगे. वहीं, पीथमपुर रक्षा समिति के लोगों ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम पीथमपुर प्रशासन को ज्ञापन सौपा. पीथमपुर में कचरा ना जलाया जाए व न्यायालय से पुर्नविचार की मांग भी की है.
कांग्रेस भी कर चुकी है विरोध
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस इस मामले में विरोध प्रदर्शन कर चुकी हैं. लेकिन अब गैर राजनीतिक और अन्य कोई संगठन से न होकर रक्षा मंच के माध्यम से आम नागरिकों ने इसका विरोध किया है. इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों ने रैली निकली हाथ में तख्तियां थी, जिस पर लिखा था पीथमपुरा को भोपाल नहीं बनने देंगे. इस दौरान नारेबाजी भी की गई.
जानिए क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद जहरीले कचरे को हटाने की तैयारी शुरू की गई है. यूनियन कार्बाइड फेक्ट्री से 337 टन जहरीला कचरा पीथमपुर लाकर जलाने की तैयारी चल रही है. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में मौजूद 337 टन कटरे को खास जंबू बैग में पैक किया जा रहा है. जिसे 12 हैडार्डस वेस्ट कंटेनर से पीथमपुरा लाया जाएगा. यहां एक औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई में सभी कचरे को नष्ट किया जाएगा. इस जहरीले कचरे को लेकर पीथमपुर के लोग विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. लोगों का कहना है कि भोपाल का जहरीला कचरा पीथमपुर में नहीं जलेगा.
रिपोर्ट- चन्द्रशेखर सोलंकी धार जी मीडिया
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