Majedar Chutkule: हम अपने पाठकों का मनोरंजन कराने के लिए रोज कुछ न कुछ मजेदार जोक्स लेकर आते हैं. इसी क्रम में आज फिर हम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ ऐसे मजेदार जोक्स लेकर आए हैं, जिसे पढ़ने के बाद आप हंस हंस कर लोट पोट हो जाएंगे.
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Funny Chutkule: आज के इस भागदौड़ वाली जिंदगी में हम खुद को इतना व्यस्त कर लिए हैं कि हंसना भूल गए हैं. चिकित्सकों की मानें तो हंसने से हमारा मन प्रसन्न रहता है और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. लेकिन हंसने के लिए कोई न कोई वजह होनी चाहिए, क्योंकि बिना वजह कोई हंस नहीं सकता है. हंसने के इन्हीं वजहों की तलाश में हम आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार धांसू जोक्स लेकर आएं हैं, जिसे पढ़ने के बाद आप अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे. आइए शुरू करते हैं हंसने हंसाने का सिलसिला...
. एक बार संता को अकबर के सैनिकों ने पकड़ लिया और दरबार में लेके गये.
अकबर- कौन हो तुम?
संता- महाराज मैं संता हूं.
अकबर- इतनी रात को हमारे महल में क्या कर रहे थे?
संता- (घबराते हुए) कुछ नहीं महाराज (घबराते हुए)
अकबर- सैनिकों, इसे ले जाओ और बंदी बना दो...
संता- महाराज रहम करो, मुझे बंदी मत बनाओ मुझे बंदा ही रहने दो
. संता- उफ, ये पत्नियां हमें जीने नहीं देती.
बंता- हां, और व्रत पर व्रत रखकर मरने भी नहीं दे रहीं..
. एक बार एक लड़की भगवान से मन्नत मांगी.
हे भगवान किसी समझदार लड़के को मेरा बॉयफ्रेंड बना दो
भगवान बोले- अगर समझदार होगा तो वो इन सब लफड़ो में पड़ेगा ही नहीं जा बेटी घर जा.
. दो सहेलियां कई दिनों बाद मिलीं
पहली- क्यों तेरे पति के तो सामने के दांत ही नहीं हैं
दूसरी- क्या बताऊं बहन..
2020 में शादी तय हुई तब कोविड था इसलिए ये मास्क लगाकर देखने आए थे.
पहली- फिर शादी के समय नहीं देखा?
दूसरी- तब (2020 ) कोरोना था, और शादी के लिए केवल दो घंटे की अनुमति मिली थी.
अब तू ही बता इतने कम समय में मैं मेकअप करती या इनके दांत देखती?
. एक कंजूस आदमी ने सेठ को खून देकर उसकी जान बचाई
सेठ ने खुश होकर उसे मर्सिडीज कार गिफ्ट की.
सेठ को फिर खून की जरूरत पड़ी, आदमी ने फिर खून दिया..
अबकी बार सेठ ने सिर्फ लड्डू दिया
कंजूस- इस बार सिर्फ लड्डू
सेठ- अब मेरे अंदर भी तुम्हारा खून दौड़ रहा है.
(disclaimer: यहां दिए गए चुटकुले सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे कंटेट से लिए गए हैं. मेरा मकसद सिर्फ लोगों का मनोरंजन कराना है. किसी जाति, धर्म,नाम या नस्ल के आधार पर किसी को नीचा दिखाना या उपहास उड़ाना मेरा मकसद बिलकुल नहीं है.)