Fake Egg Testing: गर्म पानी और सोडियम एलगिनेट, बेंजोइक एसिड और जिलेटिन को मिलाकर प्लास्टिक के या सिंथेटिक अंडे तैयार किए जाते हैं. इन अंडों में पीला भाग बनाने के लिए रंग मिलाया जाता है.
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नई दिल्लीः अंडे को पोषण का भंडार माना जाता है. शरीर के लिए जरूरी विटामिन, प्रोटीन अंडे खाने से मिलती है.यही वजह है कि लोग भी खूब अंडे खाते हैं, खासकर सर्दियों के मौसम में, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दिनों बाजार में नकली अंडे भी बिक रहे हैं, जो आपकी सेहत को फायदा पहुंचाने के बजाय गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. तो आज हम आपको बता रहे हैं कि असली और नकली अंडे की पहचान कैसे करें.
बता दें कि गर्म पानी और सोडियम एलगिनेट, बेंजोइक एसिड और जिलेटिन को मिलाकर प्लास्टिक के या सिंथेटिक अंडे तैयार किए जाते हैं. इन अंडों में पीला भाग बनाने के लिए रंग मिलाया जाता है और अंडे का छिलका तैयार करने के लिए कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है. ये प्लास्टिक के अंडे भी देखने में बिल्कुल असली जैसे दिखते हैं. बताया जाता है कि ये सिंथेटिक अंडे चीन से आते हैं.
ऐसे करें असली नकली की पहचान
असली और नकली अंडे की पहचान करने के लिए उसे पहले थोड़ी देर एक तरफ रख दें और जब आप उसे फोड़ेंगे तो असली अंडे का पीला भाग और सफेद भाग अलग अलग दिखेगा. जबकि नकली अंडों में पीला और सफेद भाग मिक्स दिखाई देंगे. इसकी वजह ये है कि सिंथेटिक अंडों में पीला और सफेद भाग एक ही मैटेरियल के बने होते हैं.
सिंथेटिक अंडे का सफेद पार्ट थोड़ा रफ होगा जबकि असली अंडे का सफेद भाग चिकना होता है. अगर अंडा आसानी से नहीं टूट रहा है तो हो सकता है कि वह नकली हो.
असली और नकली अंडे की पहचान करने का सबसे आसान तरीका ये है कि अंडे को पानी में डाला जाए अगर वह पानी में डूबता नहीं है तो वह नकली अंडा है. साथ ही अंडे के कई दिनों तक रखे रहने के बाद भी उस पर चींटी या कीट पतंगे नहीं आते हैं तो इसका मतलब ये है कि अंडा नकली हो सकता है.
नकली अंडे खाने का नुकसान
नकली अंडे खाने से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक असर आ सकता है. साथ ही दिमाग, नर्वस सिस्टम और लिवर को भी नुकसान हो सकता है. पेट खराब, ब्लड प्रेशर बढ़ना, हड्डियां कमजोर होना, किडनी को नुकसान जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
(डिस्कलेमर- यहां बताई गई बातें विभिन्न लेखों पर आधारित हैं. जी मीडिया इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.कोई भी समस्या या आशंका होने पर विशेषज्ञों की सलाह से ही काम करें.)