MP में बनेगा देश का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल परिसर, 60 हजार करोड़ के निवेश की मंजूरी, जानिए खासियत
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MP में बनेगा देश का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल परिसर, 60 हजार करोड़ के निवेश की मंजूरी, जानिए खासियत

MP News: मध्य प्रदेश वासियों के लिए बड़ी खबर है. राज्य के सीहोर जिले के आष्टा  में देश का एथेन क्रैकर परियोजना सह पेट्रोकेमिकल परिसर बनेगा. CM डॉ. मोहन यादव ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है. इस सेट के लिए 60 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा.

MP में बनेगा देश का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल परिसर, 60 हजार करोड़ के निवेश की मंजूरी, जानिए खासियत

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में एक बड़े निवेश के साथ देश का सबसे बड़ा एथेन क्रैकर प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है. ये सीहोर जिले के आष्टा में बनेगा. CM डॉ. मोहन यादव ने इसके लिए गेल (इंडिया) लिमिटेड को स्वीकृति दे दी है. इस परियोजना को मंजूरी देते हुए CM मोहन यादव ने कहा कि इसके जरिए स्थानीय रोजगार का सृजन होगा और प्रदेश के औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

MP में बनेगा देश का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल परिसर
MP के सीहोर जिले में देश का सबसे बड़ा एथेन क्रैकर परियोजना सह पेट्रोकेमिकल परिसर लगने वाला है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गेल (इंडिया) लिमिटेड के सीहोर जिले के आष्टा तहसील में लगाई जाने वाली देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर परियोजना को स्वीकृति दे दी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय रोजगार का सृजन होगा और प्रदेश के औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

60 हजार करोड़ा का निवेश
इस परियोजना को मंजूरी देते हुए CM मोहन ने परियोजना के लिए जरूरी भूमि के अधिग्रहण को लेकर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वहीं, आष्टा तहसील में ये परिसर लगभग 60,000 करोड़ के निवेश से बनकर तैयार होगा.  यह परियोजना देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर परियोजना होगी. 

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क्या है खासियत
इस परियोजना में ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल परिसर भी प्रस्तावित है. इसके अंतर्गत एलएलडीपीई, एचडीपीई, एमईगी और प्रोपीलीन जैसे पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन होगा. साथ ही इस परियोजना के माध्यम से निर्माण अवधि के दौरान 15,000 व्यक्तियों तथा संचालन अवधि के दौरान लगभग 5,600 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा. परियोजना में 70 हेक्टेयर का टाउनशिप भी प्रस्तावित है. 

फरवरी में होगा भूमिपूजन
परियोजना का भूमिपूजन आगामी फरवरी होने की संभावना है. वहीं, वाणिज्यिक उत्पादन वित्त वर्ष 2030-31 में प्रारंभ होने की संभावना है. 

इनपुट - भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट, ZEE मीडिया

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