तो क्या एमपी सरकार तीन C से है ग्रसित ? जीतू पटवारी के इस दावे का क्या है गणित
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तो क्या एमपी सरकार तीन C से है ग्रसित ? जीतू पटवारी के इस दावे का क्या है गणित

Madhya Pradesh News: पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि मध्यप्रदेश की सरकार तीन C से ग्रसित हो चुकी है. कर्ज, क्राइम और करप्शन.

तो क्या एमपी सरकार तीन C से है ग्रसित ? जीतू पटवारी के इस दावे का क्या है गणित

MP Politics: मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार बीजेपी के खिलाफ मुखर रहते हैं. चुनावी मुद्दा हो या जनता से जुड़ा मामला पटवारी सीएम मोहन यादव और भाजपा को घेरने में देर नहीं लगाते. बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में  पटवारी ने छिंदवाड़ा मामले पर सरकार को जमकर घेरा था. उसके बाद अब उन्होंने नया आरोप लगाया है. पटवारी का दावा है कि मध्यप्रदेश की सरकार तीन C से ग्रसित हो चुकी है. कर्ज, क्राइम और करप्शन इस सरकार का ध्येय बन चुका है. इन दावों को वो सही कैसे साबित करेंगे ये अलग बात है, लेकिन एक्स पर लगातार उनके इस तरह के हमले जनता को सोचने पर मजबूर करते है कि राज्य में बीजेपी की बताई और जमीनी हकीकत में कितना अंतर है. क्या वाकई भाजपा कर्ज, क्राइम और करप्शन से लड़ पा रही है या सिर्फ चुनावी शगूफे दिए जा रहे हैं. 
 
'माफिया पनप रहा'
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने एक्स पर आगे लिखा आज प्रदेश में हर दिन नया माफिया पनप रहा है, जो प्रदेश की अस्मिता को कलंकित कर रहा है। अनीति, आतंक, अव्यवस्था और अराजकता के इस सबसे गंभीर दौर में न्याय दरिद्र हो चुका है! देखने वालों की दूरदृष्टि नष्ट हो चुकी है. पीसीसी चीफ के इस एक्स पोस्ट पर कई तरह के कमेंट भी आ रहे हैं. एक यूजर उनसे कह रहा है कि उज्जैन नयापुरा में जैन मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर भी कुछ बोलिए. 

 

 

आत्महत्या के मामले में देश में 3 नंबर पर
पटवारी ने बुधवार को एक पीसी में मध्य प्रदेश बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था महंगाई ने ग्रामीण इलाकों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं, सब दिखावा है. गरीबी दूर करने का सिर्फ दावा किया जाता है, जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. एनसीआरबी के 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, मध्यप्रदेश आत्महत्या के मामले में देश में तीसरे नंबर पर है. 14 हजार 965 लोगों ने साल 2021 में आत्महत्या की थी. देश में आत्महत्या के कुल मामलों का ये 9.1 प्रतिशत था. आत्महत्या की दर (17.8) राष्ट्रीय औसत (12) से भी ज्यादा थी. 

छिंदवाड़ा हत्या मामले पर भी घेरा 
पटवारी ने आगे कहा छिंदवाड़ा के बोदल कछार गांव में एक युवक ने अपने परिवार के आठ लोगों की हत्या कर खुद फांसी लगा ली. घटना बेहद दुखद है. आरोपी ने पत्नी को कुल्हाड़ी से काटा, फिर मां, बहन, भाई, भाभी, भतीजे और भतीजियों को मार डाला. प्रदेश जंगलराज की सभी पराकाष्ठा को पार कर चुका है. मध्यप्रदेश कानून व्यवस्था के सबसे निचले स्तर पर है.  गरीबी, बेरोजगारी और आर्थिक तंगी ने बड़ी संख्या में तनाव और अवसाद में जनता को धकेल दिया है. 

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