Madhavi Raje scindia Died: ग्वालियर राजघराने की राजमाता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का आज दिल्ली में निधन हो गया है. पिछले कुछ दिनों से उनका दिल्ली (AIIMS) में इलाज चल रहा था. बता दें कि शादी होने से पहले माधवी राजे सिंधिया का नाम राजकुमारी किरण राज्यलक्ष्मी देवी था और वह नेपाल के शाही परिवार से ताल्लुक रखती थीं. आइए जानते हैं उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य-
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MP News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की पत्नी माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है. वह पिछले कई दिनों से बीमार थीं. उनका इलाज दिल्ली (AIIMS) में चल रहा था. बता दें कि माधवी राजे सिंधिया नेपाल के राज परिवार से ताल्लुक रखती हैं. विवाह से पहले माधवी राजे का नाम किरण राजलक्ष्मी देवी था.
राजमाता माधवी राजे सिंधिया नेपाल के शाही परिवार से ताल्लुक रखती थीं. उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा थे, जो नेपाल के प्रधान मंत्री भी थे. कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया से शादी के बाद उनका नाम किरण राज्यलक्ष्मी से बदलकर माधवी राजे सिंधिया कर दिया गया.
शादी से पहले माधवी राजे को देखना चाहते थे माधवराव
ज्योतिरादित्य के पिता माधव राव की राजनीतिक और निजी जिंदगी बेहद दिलचस्प रही है. जनसंघ से राजनीति की सीढ़ियां चढ़ने वाले माधव राव बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए. जब उनकी शादी की बात चली और मां विजयाराजे सिंधिया को किरण राजलक्ष्मी पसंद आईं तो माधव राव ने शादी से पहले अपनी होने वाली पत्नी को देखने और मिलने की इच्छा जताई.
उन दिनों राजघरानों में शादी से पहले दुल्हन को देखने की इजाजत नहीं होती थी. इस वजह से माधव राव सिंधिया की यह मांग अजीब थी. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी और नमिता भंडारे ने अपनी किताब 'माधव राव सिंधिया, ए लाइफ' में लिखा है कि माधव राव भी नेपाल के शाही परिवार से रिश्ता बनाने के इच्छुक थे, लेकिन माधव राव की इच्छा सुनकर रिश्ता टूट गया. इसके बाद उन्हें कई और राजकुमारियों की तस्वीरें दिखाई गईं, लेकिन उन्हें कोई भी लड़की पसंद नहीं आई.
शादी से पहले देखने की चाहत नहीं हुई पूरी
इसी बीच जब माधव राव के सामने किरण राज्यलक्ष्मी (माधवी राजे) की फोटो आई तो उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे हामी भर दी. हालांकि माधव राव शादी से पहले राज्यलक्ष्मी को देखना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार वाले इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं थे. बाद में उन्हें राज्यलक्ष्मी को देखे बिना ही उनसे विवाह करना पड़ा.
दिल्ली के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेन
माधवराव और माधवी राजे का विवाह 8 मई 1966 दिल्ली में बड़ी धूमधाम से हुआ. इसमें देश-विदेश से आए कई मेहमान शामिल थे. इस मौके पर ग्वालियर से दिल्ली के बीच स्पेशल ट्रेन चलाई गई.