'20:50 फॉर्मूला' पर सख्त हुई शिवराज सरकारः मांगी कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट; कम नंबर होने पर जाएगी नौकरी!
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'20:50 फॉर्मूला' पर सख्त हुई शिवराज सरकारः मांगी कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट; कम नंबर होने पर जाएगी नौकरी!

जिन कर्मचारियों की स्वास्थ्य रिपोर्ट में बार-बार बीमार होना पाया जाएगा, उन्हें भी 20 साल की सेवा पूरी होने पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया जाएगा

CM शिवराज सिंह चौहान (File Photo)

आकाश द्विवेदी/भोपालः 20:50 Formula in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर 20:50 फॉर्मूले पर तेजी दिखाते नजर आ रही है. इसके तहत 50 की उम्र और 20 साल की सेवा पूरी कर चुके सरकारी कर्मचारियों के काम पर राज्य सरकार विशेष नजर रखेगी. ऐसे कर्मचारियों के दस्तावेजों की छानबीन कर जानकारी मांगी गई है. सामान्य प्रशासन विभाग ने शासन के सभी विभागों से जानकारी मांगकर विधानसभा में भी इस पर सवाल पूछा है. 

जा सकती है नौकरी भी!
राज्य सरकार 20:50 फॉर्मूले को लेकर सख्त रवैया अपना रही है. परफॉर्मेंस रिपोर्ट के तहत उन अधिकारी-कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किया जा सकेगा, जो लापरवाही दिखाते हैं या फिर अनियमितता करते हैं या फिर वो कर्मचारी जो ईमानदारी से अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं. परफॉर्मेंस के आधार पर ही कर्मचारियों को अंक दिए जाते हैं, 100 में जिसके भी 50 से कम अंक आते हैं, उनकी नौकरी संकट में रहती है. 

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शिवराज सरकार दिखा रही सख्ती
केंद्र सरकार के इस फॉर्मूले पर राज्य सरकार ने भी 2018 में तेजी दिखाई. इसके तहत IAS अधिकारियों तक की रिपोर्ट खराब होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई. लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद इस पर काम होना बंद हो गया, अब एक बार फिर इस पर काम होना शुरू हुआ. परफॉर्मेंस रिपोर्ट मांगी गई है, जिन कर्मचारियों की स्वास्थ्य रिपोर्ट में बार-बार बीमार होना पाया जाएगा, उन्हें भी 20 साल की सेवा पूरी होने पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया जाएगा. 

क्या है 20:50 फॉर्मूला
20:50 फॉर्मूला दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पहल है, जिसे अब राज्य सरकार ने भी लागू किया. इसके तहत काम में लापरवाही, अनियमितत, गोपनीय चरित्रावली खराब होना या स्वास्थ्य कारणों से काम करने में सक्षम न होने वाले कर्मचारियों को अलग किया जाता है. ऐसे कर्मचारियों को 50 साल की उम्र पार करने व 20 साल की सेवा पूरी होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है. 

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ऐसे तैयार होता है रिजल्ट
छानबीन समिति ऐसे कर्मचारियों की रिपोर्ट बनाकर तैयार करती है, रिपोर्ट के आधार पर ही इन सरकारी कर्मचारियों को हटाने का निर्णय लिया जाता है. कर्मचारियों के परफार्मेंस का आंकलन गोपनीय चरित्रावली में तय श्रेणियों के आधार पर किया जाता है. यदि किसी कर्मचारी को गोपनीय चरित्रावली में लगातार 'क' श्रेणी मिलती है, तो उसके 20 साल में 100 अंक हो जाएंगे, लेकिन 'ग' और 'घ' श्रेणी वाले कर्मचारी कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे. 

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