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Madhya Pradesh liquor scam: दिल्ली और छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश का शराब घोटाला इस समय चर्चा में है. इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर भोपाल से आई है. मध्य प्रदेश के शराब घोटाले में ईडी की भी एंट्री हो गई है. मध्य प्रदेश में आबकारी घोटाले में 70 से 100 करोड़ के बीच घोटाला होने का अनुमान लगाया जा रहा है. शराब घोटाले मामले में ईडी ने आबकारी कमिश्नर को एक लेटर भेजा है और कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी है.
इन पांच बिंदुओं पर ईडी ने आबकारी विभाग से जानकारी मांगी है
1. फर्जी चालान कांड में शामिल ठेकेदारों की जानकारी
2. अब तक ठेकेदारों से वसूल की गई राशि का विवरण
3. इंदौर चालान कांड में सम्मिलित ठेकेदारों के बैंक खातों की जानकारी
4. आबकारी घोटाले में अब तक की जा रही जांच की वर्तमान स्थिति
5. प्रकरण के संबंध में विभागीय जांच समिति का प्रतिवेदन
क्या है दावा
आबकारी अफसर और ठेकेदारों के गठजोड़ से घोटाला हुआ है. दावा है कि शराब कारोबारियों ने बैंक में 10 हजार जमा किए और षडयंत्र पूर्वक उसे 10 लाख रुपए कर वेयर हाउस से देशी और विदेशी शराब उठा ली, इससे जमकर मुनाफा हुआ. कुल 194 चलाना में घोटाला किया गया जिससे सरकार को एक प्रतिशत इनकम टैक्स,8% परिवहन शुल्क की राशि का नुकसान हुआ. यह नुकसान करीब 70 करोड़ से 100 से ज्यादा हो सकता है, ऐसा प्रारंभिक तौर पर पता चला है. साल 2017 में इंदौर के रावजी बाजार थाना में मामला दर्ज किया गया था. हैरत की बात तो यह है कि अधिकारियों ने चालान घोटाले में आबकारी ठेकेदारों से 20 करोड़ रुपए कैश तक जमा कर लिए. ईडी को आशंका है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला तो नहीं है. आबकारी विभाग ने जो जानकारी भेजी, ईडी ने उसे अधूरी मानकर दोबारा भेजने को कहा है.