Indore News: पिता की जान बचाने के लिए नाबालिग बेटी ने मांगी अनुमति, लिवर डोनेशन पर MP हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
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Indore News: पिता की जान बचाने के लिए नाबालिग बेटी ने मांगी अनुमति, लिवर डोनेशन पर MP हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की नाबालिग बेटी अब जल्द ही अपने पिता की जान बचा सकेगी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने लिवर डोनेशन के केस पर सुनवाई करते हुए इसकी मंजूरी दे दी है. 

Indore News: पिता की जान बचाने के लिए नाबालिग बेटी ने मांगी अनुमति, लिवर डोनेशन पर MP हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

MP High Court: इंदौर में एक नाबालिग बेटी जल्द ही अपने पिता को नया जीवन देगी. जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़े रहे शिवनारायण बाथम का लिवर खराब हो गया है. कई कोशिशों के बावजूद जब कोई डोनर नहीं मिला तो उनकी नाबालिग बेटी का चेक अप कराया गया. चेक अप में बेटी का ब्ल्ड ग्रुप उनसे मैच हो गया लेकिन नाबालिग होने के कारण बेटी के लिवर डोनेट करने पर कानूनी अड़चन आ रही थी. अब इस परेशानी को दूर करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बेटी को लिवर डोनेट करने की अनुमति दे दी है.

नाबालिग बेटी देगी पिता को नया जीवन
मामला इंदौर का है. यहां के रहने वाले शिवनारायण बाथम का लिवर खराब हो गया था. उनकी बिगड़ती तबीयत को देखते हुए डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की बात कही, लेकिन कई कोशिश के बावजूद उन्हें लिवर डोनर नहीं मिल रहा था. अपने पिता की जान बचाने के लिए बेटी ने लिवर डोनेट करने का फैसला लिया. इसके बाद बेटी प्रीति का चेक अप हुआ और उसका ब्ल्ड ग्रुप मैच हो गया. लेकिन नाबालिग होने के कारण लिवर डोनेशन के लिए कानूनी समस्या सामने आ गई.

13 जून को दायर की थी याचिका
इस मामले में 13 जून को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार से फैसला लेने और तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. सरकार के अनुमति मिलने के बाद और मेडिकल रिपोर्ट को देखते हुए गुरुवार को वर्चुअल सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लिवर डोनेशन की अनुमति दे दी है.   

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तबीयत हो रही थी खराब 
शिवनारायण की पांच बेटियां हैं, जिनमें प्रीति सबसे बड़ी बेटी है. उसके बालिग होने में करीब 2 महीने का समय है. वहीं, शिवनारायण की तबीयत बिगड़ती ही जा रही है. उनके शरीर में सूजन भी आ रही थी, जिस कारण लिवर ट्रांसप्लांट जल्द से जल्द जरूरी हो गया. अब हाईकोर्ट  की इंदौर बेंच से अनुमित मिलने के बाद एक-दो दिन में ट्रांसप्लांट हो जाएगा. डॉक्टरों की टीम एक बार फिर पूरी जांच करेगी, जिसके बाद प्रीति का लिवर उसके पिता को दिया जाएगा.

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