mohan bhagwat in chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में संघ पूरी तरह से एक्टिव हो गया है. संघ प्रमुख मोहन भागवत आज से तीन दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे. जहां वह जशपुर और अंबिकापुर जिले का दौरा करेंगे. इस दौरान संघ प्रमुख कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे. ऐसे में जानिए क्यों महत्वपूर्ण है मोहन भागवत का छत्तीसगढ़ का दौरा.
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Mohan Bhagwat in Chhattisgarh: सत्यप्रकाश/रायपुर। RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) आज से छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं, संघ प्रमुख 3 दिन तक छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के दौरे पर रहेंगे. तीन दिनों तक वे प्रदेश के सरगुजा संभाग के दौरे पर रहेंगे, इस दौरान जशपुर और अंबिकापुर में आयोजित कई कार्यक्रमों में संघ प्रमुख शामिल होंगे. आज शाम करीब 4 बजे संघ प्रमुख जशपुर पहुंचेंगे. पिछले कुछ समय से छत्तीसगढ़ में संघ की सक्रियता बढ़ गई है, ऐसे में मोहन भागवत का छत्तीसगढ़ दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का करेंगे अनावरण
मोहन भागवत आज छत्तीसगढ़ पहुंचेंगे और कल सोमवार को सुबह 12 बजे भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर संघ के पथ संचलन और शोभायात्रा में शामिल होंगे. दोपहर 2 बजे जशपुर के रणजीता स्टेडियम में दिवंगत हिंदूवादी भाजपा नेता दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. दोपहर 2:30 से 04:30 तक रणजीता स्टेडियम में जनजातीय गौरव दिवस सभा को संबोधित करेंगे, उसके बाद 15 नवंबर को संघ के पथ संचलन में सरगुजा के जिला मुख्यालय अंबिकापुर में मोहन भागवत शामिल होंगे. इसी दिन संघ के सार्वजनिक कार्यक्रम में संघ प्रमुख का मंचीय संबोधन होगा
इसलिए महत्वपूर्ण है संघ प्रमुख का छत्तीसगढ़ दौरा
दरअसल, अगले साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना हैं, ऐसे में अगले साल छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के पक्ष में वोट के मोबलाइजेशन के लिए संघ एक्टिव हो गया है, संघ और भाजपा के एजेंडे में इस विधानसभा चुनाव में शराबबंदी, कानून-व्यवस्था और रोजगार के अलावा प्रमुखता से हिंदुत्व और धर्मांतरण हैसंघ प्रमुख मोहन भागवत स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं. संघ के हिंदुत्व और धर्मांतरण के एजेंडे को इसी से समझा जा सकता है कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव को धर्मांतरण कर चुके हजारों हिंदुओं की घर वापसी कराने के लिए छत्तीसगढ़ में जाना जाता है. जिससे उनका यह दौरा अहम माना जा रहा है.
आदिवासियों अंचलों में संघ एक्टिव
आदिवासियों के मसले पर भी विपक्ष में बैठी बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को टारगेट करने में जुटी है, आदिवासी आरक्षण के मसले पर भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है. लेकिन संघ अपनी अलग लामबंदी में है. अपने अनुसांगिक संगठनों के जरिए पिछले दिनों में संघ आदिवासी अंचलों में बेहद तेजी से एक्टिव हुई है. जनजातीय गौरव दिवस सभा में संघ प्रमुख मोहन भागवत का सम्बोधन भी आदिवासियों को भाजपा के पक्ष में मोबलाइज करने वाला हो सकता है. जशपुर में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह के साथ ही प्रदेश बीजेपी से जुड़े लगभग सभी आला नेता मौजूद रहेंगे. ऐसे में संघ एक मैसेज भी देने की कोशिश करेगा कि छत्तीसगढ़ में संघ और संगठन में समन्वय है.
सरगुजा संभाग ही क्यों चुना
मौजूदा स्थिति में सरगुजा संभाग में 14 विधानसभा सीटें हैं. जिसमें 3 सीटें इसी संभाग के जशपुर जिले में भी है. इन तीनों सीटों पत्थलगांव, जशपुर और कुनकुरी में कांग्रेस के विधायक हैं. जबकि साल 2018 से पहले तीनों सीटें भाजपा के पास थी. यहां तक कि जशपुर और कुनकुरी भाजपा की सालों से परंपरागत सीटें मानी जाती थी. लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी को इन सीटों पर भी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में जशपुर से संघ की सार्वजनिक सक्रियता कहीं न कहीं इन सीटों को वापस हासिल करने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है. जबकि अंबिकापुर में भी संघ पूरी तरह से एक्टिव है.
बताया जा रहा है कि अंबिकापुर में संघ प्रमुख पथ संचलन और कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद शहर के डॉक्टर, वकील, सीए, साहित्यकार सहित सूचीबद्ध बुद्धिजीवी वर्ग से जुड़े लोगों से मुलाकात कर संवाद करेंगे. दरअसल, अंबिकापुर जिला सरगुजा संभाग के तहत आता है, जहां आरएसएस अपनी शाखाओं का विस्तार करने में जुटा है, संघ के कार्यकर्ता लगातार आदिवासी लोगों के बीच काम कर रहे हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि शाखाओं का विस्तार करने में संघ प्रमुख का यह दौरा अहम साबित हो सकता है.
चुनाव के लिहाज से भी अहम
खास बात यह है कि 2023 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, बीजेपी नेताओं का भी मानना है कि संघ प्रमुख का सरगुजा संभाग के दौरे पर रहने से फायदा मिलेगा, क्योंकि संघ को बीजेपी का बैकबोन भी कहा जाता है. राज्य में आदिवासी आबादी प्रदेश की सत्ता का रास्ता तय करती है, ऐसे में बीजेपी 2018 के नतीजों को देखते हुए इस इलाके में अपना जनाधार वापस लाने में जुटी है. यही वजह है की संघ के साथ-साथ बीजेपी भी यहां सक्रिए बनी हुई है. ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संघ प्रमुख का यह छत्तीसगढ़ बीजेपी के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है. संघ प्रमुख के दौरे की तैयारियां छत्तीसगढ़ में तेज हो गई हैं.
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