MP News: मोहन सरकार ने शराब कंपनी सोम डिस्टिलरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया है. बुधवार को आबकारी विभाग ने कंपनी का लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया है.
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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन (Raisen) जिले में सोम डिस्टलरी में नाबालिग बच्चों से काम करवाने के मामले में सीएम मोहन यादव ने बड़ा एक्शन लिया है. शराब फैक्ट्री सोम डिस्टलरी को प्रशासन ने बुधवार को सील कर दिया है. साथ ही फैक्ट्री का लाइसेंस 20 दिन के लिए निलंबित कर दिया है.
CM मोहन के निर्देश के बाद इन अधिकारियों पर गिरी गाज
बता दें कि 15 जून को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने यहां छापा मारकर 59 नाबालिग बच्चों को छुड़ाया था. जिसके बाद आबकारी आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. सोम डिस्टलरी से 59 नाबालिग बच्चों के रेस्क्यू किए जाने के बाद सीएम मोहन यादव ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी. सीएम के निर्देश के बाद कार्रवाई करते हुए तीन आबकारी उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है. कन्हैयालाल अतुलकर, प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी, मैसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड, सेहतगंज पर निलंबन की गाज गिरी है. उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार भी निलंबित कर दिए गए हैं.
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सीएम मोहन ने जताई थी नाराजगी
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा था कि रायसेन जिले में फैक्ट्री पर छापे के दौरान बालश्रम का मामला मेरे संज्ञान में आया है. यह मामला बेहद गंभीर है. इस संबंध में श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की है और समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जानें पूरा मामला
बता दें कि बाल संरक्षण आयोग की टीम ने सोम डिस्टलरी का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान फैक्ट्री में 18 साल से कम उम्र के 50 बच्चे शराब बनाते पकड़े गए थे. इनमें 20 नाबालिग लड़कियां भी शामिल थीं. निरीक्षण के दौरान बाल आयोग को बच्चों के हाथ की त्वचा जली हुई मिली थी. इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मामले को बेहद गंभीर बताया था.