मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन को लागू करने को लेकर बीजेपी विधायक ने बड़ा बयान दिया है. बड़ा मलहरा से बीजेपी विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कहा कि सरकार इस पर गंभीर है.
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भोपाल: राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का ऐलान कर दिया है. इसके बाद अन्य राज्यों पर भी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का दबाव बन गया है. मध्य प्रदेश में भी यह मुद्दा गरमाता दिख रहा है. इस बीच बीजेपी के मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है. बड़ा मलहरा से बीजेपी विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कहा कि सरकार इस पर गंभीर है.
सीएम भी हैं गंभीर
बीजेपी विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कहा कि मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन आने वाले समय में बहाल होगी. सरकार गंभीरता से इस पर विचार कर रही है. इसे लेकर मंगलवार को सदन में भी चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री खुद भी इस मुद्दे पर बहुत गम्भीर हैं. हमने भी इसको लेकर मांग की है. हमें उम्मीद है कि इस पर जल्द फैसला होगा.
जानिए क्या है पुरानी और नई पेंशन स्कीम में अंतर
- पुरानी पेंशन योजना (OPS)में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी. वहीं नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है. साथ ही 14 फीसदी हिस्सा सरकार मिलाती है.
- पुरानी पेंशन योजना में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन का भुगतान किया जाता था. वहीं नई पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित है और इसका भुगतान बाजार पर निर्भर करता है.
- पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ (General Provident Fund) की सुविधा होती थी लेकिन नई स्कीम में जीपीएफ की सुविधा नहीं है.
- पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी. जबकि नई पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
कब बंद हुई थी पुरानी पेंशन
बता दें कि एक अप्रैल 2004 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने डिफेंस सर्विसेज को छोड़कर बाकी सरकारी सेवाओं में नई पेंशन स्कीम लागू कर दी थी. एक अप्रैल 2004 के बाद सरकारी सेवा ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है. सरकार ने इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था लेकिन धीरे-धीरे अधिकतर राज्यों ने अपने यहां भी नई पेंशन स्कीम लागू कर ली थी.
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