बारिश में हो गई फसल बर्बाद! किसान न हों परेशान, सरकार देती है मुआवजा, जानिए कैसे ले सकते हैं लाभ
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बारिश में हो गई फसल बर्बाद! किसान न हों परेशान, सरकार देती है मुआवजा, जानिए कैसे ले सकते हैं लाभ

फसल बीमा का लाभ लेने के लिए किसानों को सरकार ने काफी सुविधाएं दी हैं. किसान बैंक शाखा, सहकारी समिति, जन सेवा केंद्र, पीएमएफबीवाई पोर्टल (www.pmfby.gov.in) पर जाकर आवेदन कर सकते है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

भोपाल: बारिश की वजह से शर्त मौसम की दस्तक दे दी है. पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश हो रही है. कहीं-कहीं भारी बारिश भी हुई जिससे किसानों की धान की फसल को नुकसान झेलना पड़ता है. भारी बारिश से धान के खेत और कटी फसल चौपट हो गई. ऐसे में किसानों में चिंता है कि उनके इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी. क्या उन्हें फसल बीमा मिलेगा या नहीं. अगर मिलेगा तो क्या-क्या करना पड़ेगा, कहां आवेदन करना पड़ेगा. और सरकारी मुआवजा लेने के लिए क्या चीजें करनी होंगी. इस आर्टिकल में हम आपको यही सबकुछ समझाने की कोशिश करेंगे. 

पहले ये समझ लीजिए कि किन परिस्थितियों में फसल बीमा का लाभ मिलता है. कई किसान फसल का बीमा कराते हैं. नुकसान होने पर जमा प्रीमियम पर भी फायदा नहीं मिलता है. उसके पीछे कारण बताया जाता है कि किसी एक खेत या कुछ हिस्सों पर अगर फसल बर्बाद होती तो इसका फायदा नहीं मिलेगा, इसके के लिए पूरे तहसील में नुकसान होना जरूरी है. 

कितना देना होता है प्रीमियम
देश में अलग-अलग फसल के लिए अलग-अलग बीमा प्रीमियम तय है. जैसे खरीफ की फसल का बीमा कराने के लिए किसानों को 2 फीसदी और रबी की फसल के लिए 1.5 फीसदी प्रीमियम देना होता है. यह फसल की आंकी गई कुल लागत का हिस्सा होता है. जबकि कमर्शियल और बागवानी फसलों के लिए 5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान किसानों को करना पड़ता है.

कौन तय करता है फसल बीमा
यह राज्य और जिलों में अलग-अलग होता है. देश में प्रति हेक्टेयर धान का सबसे अधिक प्रीमियम जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag) जिले में है. यहां नुकसान पर बीमा कंपनियां किसानों को प्रति हेक्टेयर 1,32,000 रुपये तक का क्लेम देगी. जबकि किसान को 2640 रुपये प्रीमियम देना होगा. सरकार बीमा कंपनियों को 10560 रुपये का प्रीमियम अपनी ओर से जमा करेगी. हर राज्य और जिलों में फसल बीमा का प्रीमियम की दर जिला तकनीकी समिति तय करती है. इस समिति का मुखिया डीएम होता है. जबकि जिला कृषि अधिकारी, मौसम विभाग और इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी इसके सदस्य होते हैं.

कैसे भेजी जाती है रिपोर्ट
अब अगर किसी किसान की फसल बारिश, ओलावृष्टि, आग लगने या फिर किन्हीं और कारणों से नष्ट होती है, तो बाकायदा इसकी रिपोर्ट बनती है. हर फसल के सीजन में यह रिपोर्ट भेजी जाती है. इस रिपोर्ट के आधार बीमा कंपनियां फसल का प्रीमियम तय करती हैं. जिस जिले में बीमा की जितनी रकम तय होती है उसी हिसाब से किसान और सरकार के हिस्से का प्रीमियम (insurance premium) भी घटता-बढ़ता रहता है.

कितने किसानों को मिल चुका है लाभ
मध्यप्रदेश में केंद्र की फसल बीमा योजना का लाभ मौजूदा साल में करीब 47 लाख किसानों को मिला है. बीमा योजना में करीब 3 लाख किसान हर साल जुड़ रहे हैं. इसका लाभ सबसे ज्यादा उज्जैन के किसान ले रहे हैं. उज्जैन के करीब 4 लाख 29 हजार किसान फसल बीमा करा चुके हैं. 855 के साथ सबसे कम सिंगरौली जिले के किसान हैं. अगर बात साल 2016 की करें तो 25 लाख, 2018 में 35 लाख किसानों ने बीमा करवाया था. जबकि 31 अगस्त 2021 तक 47‌ लाख किसान फसल बीमा करा चुके हैं. किसानों को फसल बीमा कराने के लिए 2 फीसदी प्रीमियम देना होता है, 98 फीसदी राशि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर जमा करते हैं.

कागजातों की जरूरत और शर्तें
किसान की एक फोटो, आईडी कार्ड, एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर, खेत में फसल का सबूत.फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल बोने के दस दिनों के भीतर बीमा कराना होगा.प्राकृतिक आपदा से नुकसान पहुंचने पर ही बीमा का लाभ दिया जाएगा.इसमें बाढ़, बारिश या ओलावृष्टि प्रमुख है.फसल कटने के 14 दिन के अंदर फसल खराब हो जाए तो भी बीमा का पैसा मिलेगा.फसल खराब होने की स्थिति में किसान बीमा कंपनी को सूचना देगा, तभी लाभ मिलेगा.अगर फसल खराब हुई है तो बीमा कंपनियां अपने प्रतिनिधियों के जरिए सर्वे करवाएंगी.

किन किसानों को मिलेगा फसल बीमा का लाभ
फसल बीमा का लाभ लेने के लिए किसानों के लिए सरकार ने गाइडलाइन तय की हैं. जैसे फसल बोने के 10 दिन के भीतर किसान को फसल का बीमा कराना होगा. फसल बोने का प्रमाण-पत्र पंचायत से बनवाना होगा. इससे अधिक समय बीतने पर फसल का बीमा नहीं हो पाएगा. 

फसल बीमा का लाभ लेने के लिए क्या-क्या कागज लगाने होंगे

- खेती योग्य जमीन का दस्तावेज
- भूमि कब्जा प्रमाण-पत्र/भूमि का मालिकाना के दस्तावेज
- आधार कार्ड (Aadhaar Card)
- बैंक खाते की पासबुक की फोटो कॉपी 
- फसल बुआई प्रमाण-पत्र
(यदि राज्य सरकार की अधिसूचना में अनिवार्य किया गया हो)
- बंटाईदार किसानों या किराए पर ली गई जमीन पर भी बीमा की सुविधा.
- ऐसे लोगों के लिए भूमि मालिक के साथ समझौता, किराया या पट्टा दस्तावेज.

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कहां और कैसे आवेदन करें किसान
फसल बीमा का लाभ लेने के लिए किसानों को सरकार ने काफी सुविधाएं दी हैं. किसान बैंक शाखा, सहकारी समिति, जन सेवा केंद्र, पीएमएफबीवाई पोर्टल (www.pmfby.gov.in) पर जाकर आवेदन कर सकते है. इंश्योरेंस कंपनी या कृषि कार्यालय में भी फसल बीमा का आवेदन कर सकते हैं.

मध्य प्रदेश में कितना मिलेगा क्लेम
- धान 35699.78 रुपये/एकड़
- मक्का 17849.89 रुपये/एकड़)
- कपास 34650.02 रुपये/एकड़)
- बाजरा 16799.33 रुपये/एकड़)
- सूरजमुखी 17849.89 रुपये/एकड़)

किस फसल का कितना प्रीमियम (रुपये/एकड़)
- धान 713.99 रुपये/एकड़)
- मक्का 356.99 रुपये/एकड़)
- बाजरा 335.99 रुपये/एकड़)
- कपास 1732.50 रुपये/एकड़)
- सूरजमुखी 267.75 रुपये/एकड़
(यह सिर्फ किसान का हिस्सा है. प्रीमियम का बाकी पैसा राज्य व केंद्र सरकार देगी)

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बदल सकते हैं बीमित फसल
जिस किसान के पास केसीसी नहीं है वो कस्टमर सर्विस सेंटर या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से अपनी फसलों का बीमा करवा सकता है.

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