Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में गांधी जयंती जेल में बंद कैदियों के लिए सौगात लेकर आई. प्रदेश के 11 जेलों से कैदियों को रिहा किया गया. इसमें रीवा सेंट्रेल जेल के 29 और सतना सेंट्रेल जेल के 62 कैदी शामिल हैं.
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Madhya Pradesh: रीवा/सतना: मध्य प्रदेश में पहली बार महात्मा गांधी की जयंती पर कैदियों की रिहाई की है. अलग-अलग 11 केंद्रीय जेलों से करीब 500 कैदियों के रिहाई के लिए प्रस्ताव बनाया गया था. हालांकि, 2 अक्टूबर की शाम तक इसे लेकर कोई अधिकारिक डाटा नहीं आ पाया कि कितने कैदियो की रिहाई हुई है. सतना केंद्रीय जेल से 62 और रीवा केंद्रीय जेल से 29 कैदियों को रिहा किया गया है.
रीवा जेल से छूटे 29 कैदी
रीवा जेल में 302 के 29 कैदियों गांधी जयंती पर रिहा किया गया. इसमें 27 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं. रीवा केंद्रीय जेल के अधीक्षक एसके उपाध्याय ने सभी कैदियों को माला श्री फल और मिठाई बांटकर विदा किया और उन्हें भविष्य में किसी भी तरह के गलत काम से बचने की सलाह दी.
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सतना से रिहा किये गए 62 कैदी
केंद्रीय जेल सतना में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 62 कैदियों को आज रिहा किया गया है. उन्हें लेने आए कैदियों के परिजन जेल गेट के बाहर मौजूद रहे, जैसे ही बंदी रिहा होकर गेट के बाहर आए तो परिजनों के आंख में आंसू आ गए. सभी ने जेल से जाते समय वादा किया कि अब रिहा हुए हैं तो समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सामाजिक कार्य करेंगे.
जेलर रामकृष्ण चौरे ने बताया कि रिहा होने वाले आजीवन कारावास के बंदियों में सतना जिले के 22, छतरपुर के 23, पन्ना के 13, दमोह जिले का 1, बांदा (उप्र) जिले के एक 1 और रीवा जिले के 2 बंदी शामिल हैं.
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अब साल में 4 बार होगी कैदियों की रिहाई
अभी तक प्रदेश के जेलों से साल में दो बार यानी 15 अगस्त और 26 जनवरी को कैदियों की रिहाई की जाती थी, लेकिन अब सरकार ने साल में 4 बार कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है. इसमें 2 अक्टूबर गांधी जयंती के साथ ही 14 अप्रैल बाबा साहेब आंबेडकर जयंती का रोज कैदियों का आजाद करने के लिए चुना गया है.
क्या है प्रदेश में कैदियों का संख्या
मध्य प्रदेश के 11 सेंट्रल तथा 50 जिला जेलों में करीब 48 हजार कैदी सजा काट रहे हैं. इनमें 15 हजार से ज्यादा कैदी आजीवन कारावास, 20 हजार के करीब दंडित बंदी हैं. इनमें महिलाओं की संख्या 1066 महिलाएं भी हैं. जानकारी के अनुसार कुल कैदियों में 28150 कैदी विचाराधीन हैं.