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कनीराम यादव/आगर मालवा: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश के आगर मालवा में जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी और आरएसएस पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये लोग 'जय सिया राम' का नारा नहीं लगाते. क्योंकि वो सीता का आदर नहीं करते. उनके संगठन में महिला को स्थान नहीं है. राहुल गांधी ने आगे कहा आरएसएस के मित्रों से कहना चाहता हूं कि जय श्री राम के अलावा जय सियाराम और हे राम का प्रयोग कीजिए, सीताजी का अपमान मत कीजिए.
बता दें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान जाएगी. राजस्थान के बाद हरियाणा और उसके बाद दिल्ली जाएगी. राहुल गांधी ने आगर मालवा में राम भगवान के 3 नारों के मतलब बताया.
सीता के बिना भगवान राम का नाम अधूरा है - वो एक ही हैं इसीलिए हम 'जय सियाराम' कहते हैं।
भगवान राम सीता जी के लिए लड़े। हम जय सिया राम जपते हैं और महिलाओं को सीता का स्वरूप मान उनका आदर करते हैं।
जय सिया राम
- श्री @RahulGandhi pic.twitter.com/Q0is2EsMhx
— Congress (@INCIndia) December 2, 2022
हे राम का मतलब
राहुल गांधी ने कहा कि जो भगवान राम थे, वह तपस्वी थे. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी तपस्या में डाल दी. यात्रा में एक पंडित जी ने मुझसे कहा गांधी जी हे राम कहते थे. गांधीजी का नारा था हे राम! हे राम का मतलब था, राम जीने का तरीका था. भगवान राम एक व्यक्ति नहीं थे, एक जीने का तरीका था. प्यार, भाई-चारा, इज्जत, तपस्या उन्होंने दुनिया को जीने का तरीका सिखाया. गांधी जी जब हे राम कहते थे उनका मतलब था जो भगवान राम हैं, वह भावना हमारे दिल में है. वह लेकर हमें जिंदगी जीना है. जो भावना हमारे दिल में है, वह लेकर हमें जिंदगी जीना है. यह ही हे राम का मतलब है. जिस प्रकार से राम ने प्यार भाईचारा फैलाया वैसे ही अपनी जिंदगी जी है.
दूसरा नारा जय सिया राम
जय सिया राम का मतलब जय सीता जय राम. मतलब सीता और राम एक ही हैं. इसलिए नारा है जय सियाराम या जय सीताराम. जो राम ने सीता के लिए किया. भगवान राम ने सीता के लिए क्या नहीं किया. उन्होंने सीता की इज्जत के लिए सीता के लिए लड़े. जब हम जय सियाराम कहते हैं हम सीता की याद करते हैं और समाज में सीता की जगह होनी चाहिए. उसकी आदर करते हैं, जय सियाराम जय-जय सीता राम.
तीसरा नारा जय श्री राम
राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि रास्ते में एक पंडित जी ने मुझसे कहा कि आप अपनी स्पीच में पूछिए कि बीजेपी के लोग 'जय श्रीराम' करते हैं मगर कभी 'जय सियाराम' या 'हे राम' क्यों नहीं करते? मुझे बहुत अच्छा लगा, बहुत गहरी बात बोली. आरएसएस और बीजेपी के लोग, जिस भावना से राम ने अपनी जिंदगी जी, उस भावना से अपनी जिंदगी नहीं जीते हैं. राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया. राम ने समाज को जोड़ने का काम किया. राम ने सबको इज्जत दी. भगवान राम ने किसानों की, मजदूरों की, व्यापारियों की, सबकी मदद की. भगवान राम की जो भावना थी, जो उनके जीने का तरीका है, उसको आरएसएस के लोग और बीजेपी के लोग नहीं अपनाते. भाजपा जय सियाराम और जय सीताराम नहीं कर सकते क्योंकि उनके संगठन में एक महिला नहीं है तो वह जय सियाराम का संगठन ही नहीं है. क्योंकि उनके संगठन में महिला तो रह नहीं सकती. सीता तो रह नहीं सकती. सीता को तो बाहर कर दिया.