Rewa News: रीवा जिले के प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को टीका लगाकर आने पर प्रतिबंध लगाने की बात सामने आई थी. मामले में बजरंग दल ने प्रदर्शन करते हुए सीएम मोहन यादव से कार्रवाई की मांग की है.
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मध्य प्रदेश के रीवा शहर में एक निजी स्कूल के फरमान पर बवाल मच गया. जिसके बाद इस मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी संज्ञान लिया है. वहीं बजरंग दल ने भी प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है. दरअसल, रीवा शहर के वार्ड नंबर 43 में संचालित होने वाले एक निजी स्कूल की तरफ से फरमान जारी किया गया था, जिसमें स्कूल के अंदर छात्रों को टीका लगाकर आने पर प्रतिबंधित कर दिया गया.
बुधवार को जारी हुआ यह फरमान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगा. जिसके बाद बजरंग दल के सदस्यों ने स्कूल पहुंचकर प्रदर्शन किया. वहीं शाम तक इस मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी संज्ञान लिया है. आयोग ने जिले के कलेक्टर से जवाब मांगा है.
रीवा में वायरल हुआ था मैसेज
दरअसल, रीवा शहर के वार्ड नंबर-43 में संचालित इंटीग्रिटी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के द्वारा को एक फरमान जारी किया गया था. इस नोटिस में साफ तौर पर लिखा था कि स्कूल में छात्र-छात्राएं टीका लगाकर नहीं आएंगे. टीका लगाकर स्कूल में प्रवेश वर्जित बताया गया था. स्कूल का यह नोटिस जैसे ही रीवा समेत मध्य प्रदेश में वायरल तो फिर मामले में एक्शन दिखा. स्कूल के इस फरमान का विरोध करते हुए बजरंग दल ने प्रदर्शन किया और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव तिवारी ने भी सूबे के मुखिया मोहन यादव समेत शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
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राष्ट्रीय बाल आयोग ने लिया संज्ञान
मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी संज्ञान लिया है. आयोग की तरफ से कलेक्टर को पत्र लिखकर तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है, वहीं मामले में रीवा शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता बीके वाले का कहना है कि चंदन लगाना, चूड़ी पहनना, कंगन पहनना यह हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है और यह हमारे संस्कार भी हैं. लेकिन जिस तरह से निजी स्कूल प्रबंधन ने मनमानी और तुगलकी फरमान जारी किया गया है, ऐसे में उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए एफआईआर करना चाहिए. हालांकि मामला तूल पकड़ने के बाद स्कूल प्रबंधन का भी जवाब सामने आया है. स्कूल प्रबंधन का कहना कि इस आदेश का उद्देश्य किसी भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था.
रीवा से अजय मिश्रा की रिपोर्ट
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