Tribal Man Death in Police Custody: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में कुछ दिनों पहले पुलिस कस्टडी में आदिवासी की मौत हो गई थी. इस मामले में अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आरोप है कि वारंट बेटे के नाम पर था लेकिन पुलिस उसके पिता को उठा ले गई थी. जानें पूरा मामला-
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Death in Jhabua Police Custody: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक आदिवासी युवक की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. परिजनों ने हरिनगर पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों पर पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप लगाए थे. अब एक और बात सामने आई है कि पुलिस मृतक के बेटे को लेने आई थी. जब वह नहीं मिला तो उसके पिता को उठा ले गई. कस्टडी में उसे इतना पीटा की उसकी मौत हो गई.
जानें पूरा मामला
मामला झाबुआ जिले के छनिया गांव का है. 27 जुलाई की रात पुलिस कुशल सिंह किहोरी के नाम के वारंट के साथ उसे ढूंढ़ती हुई पहुंची. रात करीब 11-12 बजे पुलिसर्मी गांव में रहने वाले रसन किहोरी के घर में घुसे और तलाशी लेने लगे. इस दौरान जब कुशल सिंह किहोरी नहीं मिला तो उसके पिता रसन किहोरी को अपने साथ ले गए. इसके बाद देर रात परिजनों को कॉल कर उसे ले जाने कहा. बाद में गांव के सरपंच उसे अपनी बाइक से लेकर आए. जब वे आए तो गिर गए और रसन की सांसें थम चुकी थी. उसके सिर पर चोट के निशान भी थे.
पुलिस कस्टडी में मौत का आरोप
रसन की हालत देख परिजन दंग रह गए. एक लोकल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रसन के नाक, कान और मुंह से खून निकल रहा था. साथ ही उसके सिर पर भी चोट के निशान थे. आदिवासी की मौत से परिजन नाराज थे और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर चौकी के बाहर जमकर हंगामा भी किया था. परिजनों का आरोप है कि पुलिस कस्टडी में रसन का इतना मारा गया और जब हालत खराब होने लगी तो उसे वापस भेज दिया.
बेटे के नाम पर था वारंट
लोकल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस मृतक के बेटे के नाम का वारंट लेकर पहुंची थी. मृतक के बेटे और उनके रिश्तेदार के बीच जमीन और रास्ते को लेकर कुछ विवाद हुआ था. विवाद के बाद उनके रिश्तेदार ने रसन के बेटे कुशल के नाम शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि, भील पंचायत में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था. इसके बाद भी पुलिस वारंट लेकर आई थी.
बदल गया चौकी का स्टाफ
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही पुलिसकर्मियों को आदिवासी रसन की मौत की बात पता चली तो चौकी का पूरा स्टाफ बदल दिया गया है. वहीं, इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब सरपंच उसे लेने आया था तो वह ठीक था. उसका एक वीडियो भी बनाया गया है. रास्ते या घर में क्या हुआ पुलिस को इस बात की कोई जानकारी नहीं है. वहीं, इस मामले में सरपंच ने पुलिस द्वारा परिजनों से समझौता करने की बात भी कही है.
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