Vikat Sankashti Chaturthi 2023 Date: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन विकट संकष्टी का व्रत रखा जाता है. इस बार विकट संकष्टी पर भद्रा लग रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कब रखा जाएगा संकष्टी चतुर्थी का व्रत और कब से कब तक रहेगी भद्रा की साया...
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Vikat Sankashti Chaturthi 2023 Kab Hai: आज यानी 02 अप्रैल से हिंद पंचांग के पवित्र व दृतीय महीने की शुरुआत हो गई है. धार्मिक लिहाज से यह महीना बहुत महत्वपुर्ण माना जाता है. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश के एकदंत स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना के साथ रात को चंद्र दर्शन के बाद व्रत को खोला जाता है. ऐसी मान्यता है कि विकट संकष्टी का व्रत रखने से सभी प्रकार के विपत्ति से मुक्ति मिल जाती है. इस बार इस दिन भद्रा भी लग रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कब रखा जाएगा विकट संकष्टी का व्रत और कब है पूजा का शुभ मुहूर्त..
कब है विकट संकष्टी
इस साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 09 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 35 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 10 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 37 मिनट पर होगा. ऐसे में विकट संकष्टी व्रत का पारण चंद्र देव के दर्शन के बाद किया जाता है. ऐसे में विकट चतुर्थी का व्रत 09 अप्रैल को रखा जाएगा.
विकट चतुर्थी पर भद्रा की साया
इस साल विकट चतुर्थी पर 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 35 मिनट तक भद्रा रहेगा. धार्मिक मान्यतानुसार भद्राकाल के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्य व धार्मिक पूजा पाठ की मनाही होती है. लेकिन गणपति पूजन में किसी प्रकार का रोक नहीं है. इसलिए भद्रा का गणपति पूजा पर कोई असर नहीं रहेगा.
गणेश पूजा शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार गणपति की पूजा का शुभ मुहूर्त 09 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 35 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक है. गणेश जी की पूजा का शाम के समय शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 43 मिनट से रात 09 बजकर 33 मिनट तक है. वहीं इस दिन चंद्रोदय व पारण का समय रात 10 बजकर 02 मिनट पर है.
विकट संकष्टी चतुर्थी महत्व
विकट संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश और चौथ माता के पूजा का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करने से पर संतान के ऊपर आने वाले सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं. इसके अलावा इस दिन चंद्र देवता को अर्घ्य देने से हमारे मानसिक कष्ट दूर होते हैं और परिवार में खुशहाली आती है.
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)