उज्जैन : विक्रम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने की भाजपा के 300 सीटें जीतने की भविष्यवाणी, निलंबित किए गए
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उज्जैन : विक्रम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने की भाजपा के 300 सीटें जीतने की भविष्यवाणी, निलंबित किए गए

ज्योतिष शास्त्र के इस प्राध्यापक ने चुनावी बेला में अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये कथित तौर पर भविष्यवाणी की थी कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की तकरीबन 300 सीटें अपने दम पर जीतेगी, जबकि समूचे एनडीए गठबंधन के खाते में 300 से ज्यादा सीटें आयेंगी.

विक्रम विश्वविद्यालय के ज्योतिर्विज्ञान के विभागाध्यक्ष पर निलंबन की कार्रवाई को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सवाल उठाये हैं. (फाइल फोटो)

इंदौर : मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय में ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला के प्रमुख को लोकसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. ज्योतिष शास्त्र के इस प्राध्यापक ने चुनावी बेला में अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये कथित तौर पर भविष्यवाणी की थी कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की तकरीबन 300 सीटें अपने दम पर जीतेगी, जबकि समूचे एनडीए गठबंधन के खाते में 300 से ज्यादा सीटें आयेंगी.

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डीके बग्गा ने बुधवार को पुष्टि की कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट डालकर आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर इस संस्थान की ज्योर्तिविज्ञान अध्ययनशाला के अध्यक्ष राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर को निलंबित कर दिया गया है. 

मुसलगांवकर पर जिस चुनावी भविष्यवाणी को लेकर निलंबन की अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है, वह उनके फेसबुक खाते पर 28 अप्रैल को साझा की गयी थी. इस पोस्ट में कहा गया था, "भारतीय जनता पार्टी 300 के पास और एनडीए 300 पार." 

बहरहाल, मुसलगांवकर ने अगले ही दिन सार्वजनिक क्षमायाचना के साथ इस फेसबुक पोस्ट को हटा लिया था. उन्होंने इसके बाद फेसबुक पर 29 अप्रैल को जारी पोस्ट में कहा था, "मेरे द्वारा ज्योतिषीय आकलन मात्र शास्त्रीय प्रचार की दृष्टि से किया गया था. यदि मेरे प्रयोग से किसी की भावना आहत होती है, तो मैं क्षमा चाहता हूं." 

इस बीच, ज्योतिर्विज्ञान के विभागाध्यक्ष पर निलंबन की कार्रवाई को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सवाल उठाये हैं. 

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, "विभिन्न विषयों पर ज्योतिषीय आकलन जाहिर करना ज्योतिर्विज्ञान के प्राध्यापकों के अध्ययन-अध्यापन का अनिवार्य अंग होता है. ऐसे में मुसलगांवकर जैसे विद्वान ज्योतिषाचार्य पर निलंबन की कार्रवाई सरासर अनुचित है. उनके निलंबन आदेश को शीघ्र रद्द किया जाना चाहिये." 

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