पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि कालीन के नीचे की सच्चाई बस यही है, हकीकत में तो कागजों में ही तरक्की है. भूपेश जी आत्ममुग्धता से बाहर निकलिये और खुली आंखों से योजनाओं की सच्चाई देखिए.
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रायपुर: गोधन न्याय योजना के शुरू होते ही राजनीति होने लगी है. इस योजना को भूपेश सरकार ने हरेली तीज के अवसर शुरू किया था. इसमें पशुपालकों से 2 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से सरकार ने गोबर खरीदने की योजना बनाई है. इस योजना पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने सवाल खड़े किए हैं और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं.
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि कालीन के नीचे की सच्चाई बस यही है, हकीकत में तो कागजों में ही तरक्की है. भूपेश जी आत्ममुग्धता से बाहर निकलिये और खुली आंखों से योजनाओं की सच्चाई देखिए. नरवा-घुरवा से लेकर रोका-छेका तक सारी योजनाएं सिर्फ सफेद हाथी ही हैं जो 'जमीन' की जगह सिर्फ 'विज्ञापन' तक पहुंची हैं.
गोधन न्याय योजना पर मचा बवाल
पूर्व सीएम के इस ट्वीट ने सरकार को कटघरे में खड़े करने की कोशिश की. जिसके बाद कृषि मंत्री ने पूर्व की बीजेपी सरकार और रमन सिंह को घेरा. मामला यहीं नहीं रुका कृषि मंत्री के जवाब पर बीजेपी का पलटवार भी सामने आ गया, प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि पहले से ही गोठान की योजना फेल है, फिर एक नई गोधन न्याय योजना सरकार ले आई, लेकिन योजना तो लॉन्च कर दी गई पर योजना चलेगी कैसे? इसे लेकर संशय बरकार है, ऐसे में सवाल उठना लाज़मी हैं.
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होगी प्रदेश के अपमान की बात
वहीं सीएम भूपेश बघेल और उमर अब्दुल्ला में ट्वीट वार पर उपासने ने कहा कि मुख्यमंत्री अपना घर छोड़कर दूसरे घर में झांक रहे हैं, उन्हें जनता ने यहां की जिम्मेदारी निभाने के लिए चुना है न कि जम्मू के मामले में पड़ने के लिए, अगर उन्हें नोटिस आता है तो ये प्रदेश की जनता के लिए अपमानजनक बात होगी.
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सरकार बचाना लक्ष्य
दरअसल राजस्थान में मचे राजीनीतिक हंगामे के बाद बीजेपी को लगातार कांग्रेस कोस रही है लेकिन उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस पर सवाल खड़े कर कांग्रेस को ही कांग्रेस की होती इस स्तिथि के लिए ज़िम्मेदार बताया जिस पर मुख्यमंत्री बघेल और उमर अब्दुल्ला में ट्वीट वॉर चलती दिखाई दी. दरअसल, राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस को कुछ राज्यों में बची उसकी सरकार को बचाने का डर सताने लगा है.