केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 34003 करोड़ के कर्ज लेने की अनुमति दी थी. जबकि मौजूदा वक्त में मध्य प्रदेश पर बाजार का कुल 32630 करोड़ का कर्ज हो चुका है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने एक बार फिर कर्ज ले लिया है. सप्लीमेंट्री बजट से पहले राज्य सरकार ने 1000 करोड़ का कर्ज लिया है. ये सरकार का 2020 में लिया गया 18वां कर्ज है. फरवरी के अंत में संभावित बजट सत्र में सप्लीमेंट्री बजट आना है. उससे पहले ही राज्य सरकार ने 1000 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है.
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इसके पहले भी शिवराज सरकार ने 20 दिसंबर को खुले बाजार से 2000 करोड़ का कर्ज लिया था. जिसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मध्यप्रदेश सरकार के लिए कर्ज लेने की लिमिट तय कर दी थी.
शिवराज सरकार 10 महीने में ले चुकी है 32630 करोड़ का कर्ज
आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 34003 करोड़ के कर्ज लेने की अनुमति दी थी. जबकि मौजूदा वक्त में मध्य प्रदेश पर बाजार का कुल 32630 करोड़ का कर्ज हो चुका है. अब मार्च 2021 तक शिवराज सरकार 1373 करोड़ रुपये का कर्ज और ले सकती है.
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साल 2018 के अंत में यह कर्ज 1 लाख 80 हजार करोड़ था. इसका असर जनता को बढ़े हुए टैक्स के रूप में चुकाना पड़ सकता है. बता दें कि इससे पहले भी कोरोना संक्रमण के कारण पैनडेमिक के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने सरकारी खजाने की स्थिति सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई थी. जिसके कारण उन्होंने 20 दिंसबर को 6.76 फीसदी सालाना ब्याज दर पर 20 साल की अवधि के लिए बाजार से 2000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.
शिवराज सरकार ने 2020 में कब-कब और कितना कर्ज लिया
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