मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले शिवराज सरकार अफसरों के ताबड़तोड़ तबादले कर रही है. एक ही दिन में सरकार ने करीब 300 अफसर बदल डाले हैं.
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भोपाल: मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले शिवराज सरकार अफसरों के ताबड़तोड़ तबादले कर रही है. एक ही दिन में सरकार ने करीब 300 अफसर बदल डाले हैं. 19 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और 71 उपपुलिस अधीक्षक स्तर के अफसरों के तबादलों के साथ 32 जिलों में नए जिला परियोजना समन्वयक बनाए गए हैं. साथ ही 14 जिलों में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों और अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की नियुक्ति की गई है.
जानकारी के मुताबिक, जिन 19 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और 71 उपपुलिस अधीक्षक स्तर के अफसरों के तबादले किए गए हैं. उनमें से कुछ अधिकारी उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में भी पदस्थ किए गए हैं. गृह विभाग के आदेश में कई जिलों के सीएसपी भी बदले गए हैं.
जिला परियोजना समन्वयक डीपीसी की पदस्थापना
राज्य शासन ने प्रदेश के 32 जिलों में जिला परियोजना समन्वयक डीपीसी की पदस्थापना की है. इन जिलों में पदस्थ किए गए अफसरों का मूल पद प्राचार्य है जिन्हें अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आज नवीन पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं.
वहीं राज्य शासन ने प्रदेश में 14 जिलों में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों और अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की नियुक्ति की है. परिवहन विभाग द्वारा जारी तबादला आदेश में समय सीमा में पदस्थापना वाले जिलों में प्रभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं.
तबादलों को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा
इन तबादलों को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा एवं प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि इस कोरोना महामारी में भी क्या कारण है कि इतने थोक बंद ताबड़तोड़ तबादले शिवराज सरकार द्वारा किए जा रहे हैं, बड़े पैमाने पर ट्रांसफर उद्योग चलाया जा रहा है?
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बताया जा रहा है कि आज संभावित उपचुनावों की घोषणा को देखते हुए “ट्रांसफ़र उद्योग“ के तहत एक बड़ी सूची जारी हुई
उसमें आगामी उपचुनावों के नाम पर बड़ा खेल किया गया
कोरोना महामारी हो ,किसान परेशान हो या रोज़गार का संकट लेकिन इन सबके बीच भी शिवराज सरकार का “ट्रांसफ़र उद्योग” चालू आहे
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) September 25, 2020
शिवराज सरकार अधिकारियों के बल पर चुनाव जीतना चाहती है, अपने मनपसंद-चहेते, भाजपा का बिल्ला जेब में रखने वाले अधिकारियों की उपचुनाव वाले क्षेत्रों में पोस्टिंग की जा रही है ताकि इनके माध्यम से चुनाव जीता जा सके, अपने पक्ष में फैसले कराये जा सके. कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी, वह चुनाव आयोग से लेकर न्यायालय तक का दरवाजा खटखटायेगी.
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