'दाऊ साहब' का रहा दबदबा, 40 सालों में नहीं खिला 'कमल'
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh471429

'दाऊ साहब' का रहा दबदबा, 40 सालों में नहीं खिला 'कमल'

अजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अर्जुन सिंह के बेटे हैं.

मध्य प्रदेश की चुरहट सीट पर अर्जुन सिंह के परिवार का दबदबा है.(फाइल फोटो)

भोपाल: बीजेपी भले ही तीन बार से सत्ता पर काबिज हो, लेकिन मध्य प्रदेश में चुरहट एक ऐसी सीट रही है, जहां बीजेपी का कमल पिछले 40 सालों से नहीं खिला. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह यहां से लड़ते हैं और चुनाव जीतते हैं. इस लिहाज से चुरहट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है.

fallback
(फोटो साभार- @ASinghINC)

इलाहाबाद में हुआ था जन्म
अजय सिंह का जन्‍म 23 सितंबर 1955 को इलाहाबाद में हुआ था. अजय सिंह ने अपनी शिक्षा कैंपियन स्कूल, भोपाल और स्नातक स्तर की पढ़ाई से प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय की है. अजय सिंह, भोपाल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. गोल्ड मेडलिस्ट हैं. 

ये भी पढ़ें:  MP चुरहट विधानसभा सीट: कांग्रेस के मजबूत किले को कैसे भेदेगी बीजेपी

1985 में पहली बार बने विधायक
साल 1985 में सबसे पहले अजय सिंह ने विधानसभा उपचुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज की. 1991 में उन्होंने फिर जीत को दोहराया. 1998 में हुए चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने कांग्रेस में खुद को स्थापित कर लिया. इसके बाद वे मध्‍य प्रदेश सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पर्यटन एवं संस्‍कृति मंत्री बने. उसके बाद से वह लगातार इस सीट से चुनाव जीत रहे हैं.

fallback
फोटो साभार: सोशल मीडिया

करोड़ों की संपत्ति के हैं मालिक
2008 में विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्‍हें कांग्रेस की तरफ से राज्‍य विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्‍त किया गया. अजय सिंह चुनावी हलफनामे के मुताबिक 25.5 करोड़ के मालिक हैं. भोपाल के मंडोरा गांव में इनकी कोठी है, जो कि इन्हें पिता अर्जुन सिंह से विरासत में मिली है.

ये भी पढ़ें:  MP: कोर्ट पहुंचीं पूर्व CM अर्जुन सिंह की पत्नी, बेटे पर लगाए ये आरोप...

fallback
 अर्जुन सिंह (फाइल फोटो)

अर्जुन सिंह
अजय सिंह ने अपने पिता अर्जुन सिंह से राजनीति सीखी. मध्‍य प्रदेश में उनको 'दाऊ साहब' के नाम से भी जाना जाता है. सबसे पहले अर्जुन सिंह के पिता चुरहट में निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में उतरे लेकिन हार गए. उनकी हार का बदला लेने के लिए 1957 में अर्जुन सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुरहट में उतरे और पहली बार विधायक बने. वे तीन बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. केंद्र की सत्ता में भी कैबिनेट मंत्री के रूप में विभाग संभाले. राज्य सभा सांसद रहते हुए 4 मार्च 2011 को उनका निधन हो गया.

Trending news