इंदौर में 'ताई' का जलवा बरकरार, लोगों ने अमित शाह को लिखी चिठ्ठी, कहा- बेटे को टिकट दें
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इंदौर में 'ताई' का जलवा बरकरार, लोगों ने अमित शाह को लिखी चिठ्ठी, कहा- बेटे को टिकट दें

"ताई" के रूप में मशहूर सुमित्रा महाजन के समर्थक माने जाने वाले स्थानीय बीजेपी पार्षद सुधीर देड़गे ने मंगलवार को बताया, "अगर बीजेपी संगठन फिर से ताई को टिकट देता है, तो हम उन्हें चुनाव जिताने के लिये जुट जायेंगे.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन.(फाइल फोटो)

इंदौर: लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा आम चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद यहां मराठीभाषियों ने उनके बड़े बेटे मिलिंद महाजन को इंदौर क्षेत्र से टिकट दिये जाने की मांग के साथ अभियान छेड़ दिया है. इस क्षेत्र में 19 मई को लोकसभा चुनाव के तहत मतदान होना है. "ताई" के रूप में मशहूर महाजन के समर्थक माने जाने वाले स्थानीय बीजेपी पार्षद सुधीर देड़गे ने मंगलवार को बताया, "अगर बीजेपी संगठन फिर से ताई को टिकट देता है, तो हम उन्हें चुनाव जिताने के लिये जुट जायेंगे.

इंदौर में 26 लाख मतदाताओं में करीब तीन लाख मराठी भाषी शामिल हैं
लेकिन अगर 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ाने के पार्टी के फॉर्मूले का पालन किया जाता है, तो हम चाहते हैं कि ताई के बड़े बेटे मिलिंद महाजन को इंदौर से चुनावी टिकट दिया जाये." देड़गे के मुताबिक इंदौर जिले के करीब 26 लाख मतदाताओं में करीब तीन लाख मराठी भाषी शामिल हैं. 

ताई के बेटे मिलिंद महाजन पेशे से उद्यमी हैं
ताई के बेटे मिलिंद को इंदौर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाने की मांग को मराठीभाषियों के 35 से ज्यादा स्थानीय संगठनों ने अपना समर्थन दिया है. इस मांग को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को औपचारिक अनुरोध पत्र भी भेजा गया है.  ताई के बेटे मिलिंद महाजन पेशे से उद्यमी हैं. 

वह नई दिल्ली स्थित बृहन्महाराष्ट्र मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. यह सांस्कृतिक संगठन महाराष्ट्र के बाहर बसे लाखों मराठी भाषी लोगों की नुमाइंदगी करता है. मिलिंद ने इंदौर से उन्हें चुनाव लड़ाने को लेकर मराठीभाषियों की मांग के संबंध में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कहा, "मुझे भी इस मांग के बारे में पता चला है लेकिन मैं पार्टी का समर्पित सिपाही हूँ.

हालांकि, अगर खुद पार्टी मुझे कोई चुनावी भूमिका देना चाहती है तो मैं इस विषय में सकारात्मक तौर पर अवश्य विचार करूंगा." इस बीच, ताई के छोटे बेटे मंदार महाजन ने यहां बयान जारी कर कहा कि उनकी माता की मातृभाषा मराठी जरूर है.

लेकिन उन्होंने इंदौर की लोकसभा सांसद के तौर पर सभी धर्मों और समुदायों को साथ लेकर क्षेत्र के विकास के लिये काम किया है. मंदार ने कहा, "ताई सभी समुदायों की सर्वमान्य नेता हैं. हाल ही में उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है लेकिन देश, प्रदेश और इंदौर को उनके विचारों और दीर्घ संसदीय अनुभव की आवश्यकता है.

ताई यह भी कह चुकी हैं कि वह अभी थकी या रुकी नहीं हैं और सतत काम करती रहेंगी
ताई यह भी कह चुकी हैं कि वह अभी थकी या रुकी नहीं हैं और सतत काम करती रहेंगी. " वैसे इंदौर से वर्ष 1989 से लगातार आठ बार चुनाव जीतने वाली महाजन को मध्यप्रदेश की इस सीट से बीजेपी के टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था.  

इस बीच, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने "द वीक" पत्रिका को दिये हालिया साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि यह उनकी पार्टी का फैसला है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को लोकसभा चुनावों का टिकट नहीं दिया जायेगा. शाह ने इस साक्षात्कार में हालांकि महाजन का नाम नहीं लिया था.

लेकिन 12 अप्रैल को 76 वर्ष की होने जा रहीं महाजन ने वक्त की नजाकत को भांपते हुए पांच अप्रैल को खुद घोषणा कर दी थी कि वह आसन्न लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. 

 

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