किसानों की समस्याओं का घर बैठे हो रहा समाधान, कृषि वैज्ञानिकों ने निकाला अनोखा तरीका
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किसानों की समस्याओं का घर बैठे हो रहा समाधान, कृषि वैज्ञानिकों ने निकाला अनोखा तरीका

मंदसौर कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ कृषि वैज्ञानिक डॉ राजेश गुप्ता बताते हैं कि हर किसान के खेत पर जाना मुमकिन नहीं हो पाता था. इसलिए वे ऐसा कोई माध्यम खोज रहे थे कि किसानों की फसलों की समस्याएं उन तक आसानी से पहुंच भी जाए और उनका निराकरण भी हो जाए.

फाइल फोटो

मंदसौरः मदंसौर (mandsaur) जिले में किसानों के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल फायदे का सौदा साबित हो रहा है. दरअसल, मंदसौर जिले के कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Scientist) किसानों को सोशल मीडिया के माध्यम से खेती-किसानी के सुझाव देते हैं. जिसका लाभ अब किसानों को मिल रहा है. किसान एसएमएस (SMS) फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से फसलों  से संबंधित समस्याएं कृषि वैज्ञानिकों को भेजते हैं और वे उनकी समस्याओं को हल उन्हें सोशल मीडिया पर ही बता देतें है, जिससे न केवल किसानों के समय की बचत हो रही है. बल्कि उन्हें जल्द फायदा भी मिल रहा है. 

8000 से ज्यादा किसान उठा रहे लाभ 
मंदसौर कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ कृषि वैज्ञानिक डॉ राजेश गुप्ता बताते हैं कि हर किसान के खेत पर जाना मुमकिन नहीं हो पाता. इसलिए वे ऐसा कोई माध्यम बनाना चाह रहे थे कि किसानों की फसलों की  समस्याएं उन तक आसानी से पहुंच भी जाए और उनका निराकरण भी हो जाए. लिहाजा उन्होंने इस काम के लिए सोशल मीडिया को माध्यम बनाया. डॉ राजेश गुप्ता ने जिले की सभी तहसीलों को किसानों से संवाद करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए और किसानों की समस्याओं को ऑनलाइन तरीके से दूर करना शुरू कर दिया. 

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वीडियो कॉलिंग के माध्यम से किसान करते है बात 
कृषि वैज्ञानिक डॉ राजेश गुप्ता ने बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों के लिए उनकी समस्याएं कृषि विज्ञान केंद्र तक पहुंचाने के लिए अच्छा जरिया बना है.  किसान अपनी समस्याएं व्हाट्सएप या फेसबुक के जरिए शेयर करते हैं जिसका उचित समाधान तुरंत उपलब्ध करवाया जाता है. जरूरत पड़ने पर वीडियो कॉलिंग भी की जाती है ताकि फसलों की ज्यादा डिटेल लेकर उन्हें सही सलाह दी जा सके. इस सुविधा का लाभ जिले के 80000 किसान तो ले ही रहे हैं, साथ ही दूसरे जिले के किसान भी अब उनसे जुड़ रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ दो कृषि वैज्ञानिकों समेत उद्यानिकी महाविद्यालय के लगभग डेढ़ दर्जन कृषि विशेषज्ञ हर समय किसानों की सहायता के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से तत्पर रहते हैं. 

किसान परमानंद बताते हैं कि उनकी चने की फसल में इल्ली लग गई. जिसके बाद उन्होंने फसल की फोटो खींचकर कृषि वैज्ञानिकों को भेजी, जहां से उन्हें उनकी समस्या का उचित समाधान बताया और वैज्ञानिकों द्वारा सुझाई दवाई का उन्होंने इस्तेमाल किया जिससे फसल अच्छी हुई. इसी तरह मंदसौर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर कुरावन के रहने वाले किसान दीपक शर्मा ने बताया कि उन्हें खेती किसानी में जब भीकोई समस्या आती है वीडियो कॉलिंग या व्हाट्सएप के माध्यम से वे वैज्ञानिकों से संपर्क करते हैं, जहां से उन्हें उचित मार्गदर्शन मिलता है. पहले जिस समस्या के समाधान में एक हफ्ता लग जाता था. वह काम अब महज एक घंटे में हो जाता है. 

हर जिले में शुरू होनी चाहिए यह पहल 
कृषि वैज्ञानिक डॉ राजेश गुप्ता का कहना है कि वर्तमान में किसानों की फसलों में कई प्रकार के रोग लगते हैं, अगर किसानों को समय से सही सलाह नहीं मिलती तो उनकी फसल खराब हो जाती है. ऐसे में जरुरी है कि बदलते वक्त में किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए सोशल मीडिया एक अच्छा माध्यम है और इसका उपयोग हर जिले में शुरू किया जाना चाहिए.

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