ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका-सीरम की कोविशील्ड (Oxford-AstraZenacs-Serum's Covishield) और भारत बॉयोटेक के कोवैक्सीन (Bharat Biotech's Covaxin) को पूरी तरह सुरक्षित और कोरोना वायरस से बचाव में कारगर बताते हुए देश के 49 डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने आलोचकों के नाम एक ओपन लेटर लिखा है.
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नई दिल्लीः कोरोना वैक्सीन को लेकर किए जा रहे दुष्प्रचार से देश के डॉक्टर और वैज्ञानिक आहत हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका-सीरम की कोविशील्ड (Oxford-AstraZenacs-Serum's Covishield) और भारत बॉयोटेक-आईसीएमआर-एनआईवी की कोवैक्सीन (Bharat Biotech-ICMR-NIV's Covaxin) को पूरी तरह सुरक्षित और कोरोना वायरस से बचाव में कारगर बताते हुए देश के 49 डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने आलोचकों के नाम एक ओपन लेटर लिखा है.
''कुछ लोग भारत के वैज्ञानिक समुदाय को लांछित कर रहे हैं''
इस ओपन लेटर में मेडिकल प्रोफेशनल्स ने लिखा है, ''कुछ लोग मीडिया में बयान देकर भारत के वैज्ञानिक समुदाय को लांछित कर रहे हैं और कोविड वैक्सीन को लेकर राजनीति से प्रेरित बयान दे रहे हैं. ऐसे बयानों से भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की साख पर असर पड़ता है, जिन्होंने भारतीय वैक्सीन को दुनिया भर में निर्यात लायक बनाने के लिए अपना पूरा जीवन खपा दिया और दुनिया भर में भारत को इसके लिए मशहूर कर दिया.''
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इन प्रमुख मेडिकल प्रोफेशनल्स ने किया ओपन लेटर पर हस्ताक्षर
भारतीय कोरोना वैक्सीन के पक्ष में लिखे इस ओपन लेटर पर हस्ताक्षर करने वालों में दिल्ली एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर टीडी डोगरा व एमसी मिश्रा, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की पूर्व निदेशक व माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर अनिता चक्रवर्ती, पुडुचेरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व डीन रिसर्च प्रताप कुमार सेट्टी, पीजीआइएमईआर के कम्युनिटी मेडिसीन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के जेएस ठाकुर, एसजीपीजीआइ लखनऊ के पूर्व डीन रामनाथ मिश्रा जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं.
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड को बताया सेफ, इफेक्टिव
इन मेडिकल प्रोफेशनल्स के मुताबिक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का दुनिया के कई देशों में हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है. इन ट्रायल्स में सुरक्षित और कारगर पाए जाने के बाद ही इस वैक्सीन को देश में इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी गई है. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का उत्पादन पुणे स्थित कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India, Pune) कर रही है. इसे देश के भीतर तीसरे फेज के परीक्षण में सुरक्षित और कारगर पाया गया है.
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भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन को बताया ज्यादा कारगर
ओपन लेटर लिखने वाले मेडिकल प्रोफेशनल्स ने भारत बॉयोटेक-आईसीएमआर-एनवीआई (Bharat Biotech-ICMR-NIV) की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को कोरोना के खिलाफ सबसे कारगर बताया है. उनके मुताबिक आईसीएमआर (Indian Council of Mecidal Research, New Delhi) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (National Institute of Virology, Pune) की देखरेख में तैयार कोवैक्सीन कोरोना के खिलाफ अन्य वैक्सीन की तुलना में ज्यादा कारगर साबित हो सकती है. उन्होंने खुले पत्र में बताया है कि स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन व मौजूदा अधिकांश वैक्सीन के इसी स्पाइक प्रोटीन पर आधारित होने के कारण कोवैक्सीन को तीसरा फेज पूरा होने के पहले ही इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी गई है. उनके अनुसार कोवैक्सीन पूरे वायरस के खिलाफ शरीर में इम्युनिटी बनाती है.
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इन्होंने भारत की कोविड वैक्सीन पर खड़े किए सवाल
आपको बता दें कि देश की स्वदेशी कोवैक्सीन को लेकर कई नेता अविश्वास जता चुके हैं. उनका कहना है कि कोवैक्सीन को बिना फेज-3 ट्रायल का रिजल्ट आए जल्दीबाजी में इमरजेंसी यूज की इजाजत भारत सरकार द्वारा दी गई. भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन पर सवाल खड़ा करने वालों में कांग्रेस नेता शशि थरूर, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह इत्यादि नेता शामिल हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो कोरोना वैक्सीन को भाजपा का वैक्सीन बता दिया. अखिलेश ने कहा कि उन्हें भाजपा की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है, इसलिए वह इसे नहीं लगवाएंगे.
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