27 फरवरी, 2019 को एक पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान को हवाई युद्ध में मार गिराने वाले ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा वीर चक्र से सम्मानित किया गया. इस लेख में हम आपको सेना के बड़े मेडलों के बारे में बता रहे हैं.
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नई दिल्ली: भारतीय सेना के नायकों को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया. इस दौरान कुछ वीर जवानों को मरणोपरांत भी सम्मान दिया गया. राष्ट्रपति भवन में इस सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया. 27 फरवरी, 2019 को एक पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान को हवाई युद्ध में मार गिराने वाले ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा वीर चक्र से सम्मानित किया गया. इस लेख में हम आपको सेना के बड़े मेडलों के बारे में बता रहे हैं.
दो स्तर पर दिए जाते हैं मेडल
सेना में दो स्तर पर मेडल दिए जाते हैं. एक युद्ध के दौरान वीरता दिखाने पर और दूसरा शांति के दौरान वीरता दिखाने पर. ये वीरता पुरस्कार साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषित किए जाते हैं. सेना में मिलने वाले इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम भी तय किया गया है, जो इस प्रकार है परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र.
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युद्ध के दौरान दिए जाने वाले मेडल
1. परम वीर चक्र-
परमवीर च्रक भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है. ये अवॉर्ड ज्यादातर मरणोपरांत दिया जाता है. यह सम्मान सैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता और बलिदान के लिए दिया जाता है. पहली बार 3 नवंबर, 1947 को भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट की चौथी बटालियन के मेजर सोमनाथ शर्मा को ये पुरस्कार दिया गया था. हालांकि इस पुरस्कार को देने की औपचारिक घोषणा 26 जनवरी, 1950 को देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की थी. खास बात ये है कि इस परमवीर चक्र को आर्मी के ही एक अफसर विक्रम खानोलकर की पत्नी सविता खानोलकर ने डिजाइन किया था. इसे बैंगनी रंग के रिबन के साथ पहना जाता है. अब तक 21 लोगों को ये सम्मान मिल चुका है.
2.- महावीर चक्र
ये मिलिट्री का दूसरा सबसे बड़ा अवॉर्ड है. यह सम्मान सैनिकों या असैनिक जो असाधारण वीरता, शूरता और बलिदान के लिए दिया जाता है. यह सम्मान भी मरणोपरांत भी दिया जा सकता है. सेना, नौसेना और वायु सेना के सभी रैंक के अधिकारी, रिजर्व बल और किसी अन्य विधिवत सशस्त्र बल के लोगों को दिया जा सकता है. सुरक्षा बलों में से किसी भी विभाग से संबंधित व्यक्ति को इस अवार्ड के लिए युद्ध क्षेत्र में बहादुरी दिखाने के लिए चुना जाता है. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ये मेडल सबसे ज्यादा दिए गए थे.
3- वीर चक्र
युद्ध के समय वीरता के लिए दिया जाने वाला यह तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है, जो दुश्मन के खिलाफ दिखाई गई बहादुरी के लिए दिया जाता है. यह पदक भी सैनिकों और असैनिकों को दिया जा सकता है. 26 जनवरी 1950 से इसकी शुरुआत हुई थी. इस मेडल को 16mm नीले और 16mm केसरिया रंग के रिबन के साथ पहना जाता है. वरियता में यह महावीर चक्र के बाद आता है.
Delhi: Wing Commander (now Group Captain) Abhinandan Varthaman being accorded the Vir Chakra by President Ram Nath Kovind, for shooting down a Pakistani F-16 fighter aircraft during aerial combat on February 27, 2019. pic.twitter.com/vvbpAYuaJX
— ANI (@ANI) November 22, 2021
शांति के दौरान दिए जाने वाले मेडल
शांति के दौरान यानी जब युद्ध नहीं हो रहा होता है, तब भी सेना के जवानों को वीरता पुरस्कार दिए जाते हैं. शांति के समय दिए जाने वाले ऐसे पुरस्कारों में अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र शामिल हैं.भारत ने अपनी आखिरी लड़ाई पाकिस्तान के साथ 1999 में कारगिल में लड़ी थी, लेकिन उसके बाद भी सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, आतंकवादी घटनाएं, सीमा पर घुसपैठ और क्रास बॉर्डर फायरिंग जैसी चीजें होती रहती हैं, जिनमें असाधारण वीरता की ज़रूरत होती है और ऐसी वीरता दिखाने वालों को ये सम्मान मिलता है.
1. अशोक चक्र
अशोक चक्र को पीसटाइम का परम वीर चक्र माना जाता है. यानी युद्ध से अलग वीरता और साहस के लिए दिया जाने वाला ये सबसे बड़ा अवार्ड है. फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुहास बिस्वास पहले इंडियन थे, जिन्हें ये अवॉर्ड मिला. इस अवार्ड की शुरुआत 4 जनवरी 1952 को हुई थी. तब इसे अशोक चक्र क्लास-1 कहा जाता था. बाद में 1967 में इसे अशोक चक्र कहा जाने लगा. इसे हरे रंग के रिबन के साथ पहना जाता है, जिसमें एक केसरिया रंग की पट्टी बनी होती है.
2. कीर्ति चक्र
कीर्ति चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है. यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है. यह सम्मान मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है. कीर्ति चक्र को 1952 में अशोक चक्र क्लास-2 नाम दिया गया था. बाद में 1967 में इसे कीर्ति चक्र कर दिया गया. इसे भी हरे रंग के रिबन के साथ पहना जाता है, लेकिन केसरिया पट्टी रंग की दो होती हैं. शौर्य और वीरता के लिए कीर्ति चक्र दिया जाता है. यह शांति काल में दिया जाने वाला वीरता पदक है.
3. शौर्य चक्र
शौर्य चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है. यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है. यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है. वरियता में यह कीर्ति चक्र के बाद आता है. इसका मेडल कांसे से बना होता है, जिसे हरे रंग की तीन खड़ी लाइनों द्वारा बराबर भागों में विभाजित फीते के साथ दिया जाता है. कह सकते हैं कि कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, अशोक चक्र के ही दो वर्ग हैं.
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कई और पदक भी दिए जाते हैं
युद्ध के दौरान वीरता दिखाने और शांति के दौरान वीरता दिखाने वाले इन अवॉर्ड के अलावा और भी कई दूसरे अवार्ड हैं, जो सैनिकों को दिए जाते हैं. जिनमें सेना पदक, नौसेना पदक, वायुसेना पदक, सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक , विशिष्ट सेवा पदक के अलावा कई और पदक शामिल हैं.
क्यों मनाया जाता है भारतीय सेना दिवस
भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day) हर साल 15 जनवरी को फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा (Field Marshal KM Cariappa) के सम्मान में मनाया जाता है. साल 1949 में आज ही के दिन भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर (General Sir Francis Butcher) की जगह तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा ने ली थी. करिअप्पा ने 1947 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना की कमान संभाली थी. इसलिए 15 जनवरी को एक भारतीय नागरिक के हाथों में सेना की शक्ति का हस्तांतरण देश में सेना दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है. इस दिन, उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी दी जाती है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा और राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया है.
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