बंगाली चौराहे में ब्रिज निर्माण में आ रही तकनीकी कमियों पर मंत्री और सांसद हुए नाराज़, बैठक में लगाई जमकर फटकार, पुल निर्माण में शासन का करोड़ों रुपया लगा है वैसी स्थिति में यह निर्माण बिना किसी तकनीकी त्रुटि के होना ही चाहिए
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अंशुल मुकाती/इंदौर: निर्माणाधीन बंगाली चौराहा ब्रिज में आ रही तकनीकी खामियों को लेकर बुधवार को PWD अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सांसद और जलसंसाधन मंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है.
दरसअल ब्रिज की दोनों भुजाओं का निर्माण तो हो चुका है. चौराहे पर से माधवराव सिंधिया की प्रतिमा शिफ्टिंग के बाद बीच के हिस्से को जोड़ा जा रहा है. लेकिन यहां ब्रिज डिजाइन के मुताबिक प्रत्येक 15 मीटर में चार पिलर बनाएं जाएंगे है. जिसकी वजह से ट्रैफिक रुकेगा.
निवासियों ने विरोध किया
वहीं रहवासियों ने भी इसका विरोध शुरु कर दिया है. लिहाजा अब ब्रिज की डिजाइन में तबदिली की जाएगी जिसकी वजह से 8 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा.
अधिकारियों को फटकार
अधिकारियों की इस गड़बड़ी से भाजपा के तमाम विधायक और पदाधिकारी नाराज है. इसे लेकर भाजपा विधायक महेन्द्र हार्डिया ने PWD मंत्री गोपाल भार्गव से भी मुलाकात की थी. खर्च बढ़ने और फ्लाय ओवर की डिजाइन में आए डिफेक्ट की वजह से सांसद शंकर लालवानी और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने नाराजगी जाहिर करते अधिकारियों को फटकार लगाई है.
बिना त्रुटि के हो निर्माण
मंत्री सिलावट ने कहा है कि पुल निर्माण में शासन का करोड़ों रुपया लगा है वैसी स्थिति में यह निर्माण बिना किसी तकनीकी त्रुटि के होना ही चाहिए.
काम लंबा खींचेगा
हालांकि बैठक के बाद डिजाइन बदलने को लेकर सहमति बन चुकी है. इसमें खर्च भी अब खासा बढ़ जाएगा. साथ ही यहां से मेट्रो ट्रैन का रूट भी प्रस्तावित है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि अधूरे ब्रिज का काम और भी लंबा खीच सकता है.
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