Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में विधानसभा द्वारा विधायकों को उनका संकल्प याद दिलाया गया. सचिवालय ने सभी विधायकों को पत्र जारी कहा है कि सदन में सर्वसम्मति से यह संकल्प पारित किया गया था कि सभी सदस्य सुचिता के लिए हर वर्ष अपनी संपत्ति का ब्योरा पटल पर रखेंगे या चाहें तो वे यह जानकारी प्रमुख सचिव को दे सकते हैं.
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MP News: मध्य प्रदेश में बुधवार को विधानसभा ने संपत्ति का ब्यौरा देने से बचे रहे विधायकों को उनका संकल्प याद दिलाया. सचिवालय ने सभी विधायकों को पत्र जारी कहा है कि सदन में सर्वसम्मति से यह संकल्प पारित किया गया था कि सभी सदस्य सुचिता के लिए हर वर्ष अपनी संपत्ति का ब्योरा पटल पर रखेंगे या चाहें तो वे यह जानकारी प्रमुख सचिव को दे सकते हैं.
दरअसल, विधानसभा में लिया गया सुचिता का संकल्प एमपी के विधायकों ने भुला दिया. मध्यप्रदेश के विधायक संपत्ति बताने से बच रहे हैं. संपत्ति की जानकारी भेजने की मियाद 30 जून तक है. सभी विधायकों को विधानसभा सचिवालय ने सदन का संकल्प याद दिलाया. संपत्ति का ब्यौरा देने से बचते नजर आ रहे हैं विधायकों को अब अपनी कमाई बतानी होगी.
अब नहीं दिया संपत्ति का ब्यौरा
मध्य प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट बताती है कि साल 2023-24 वित्तीय वर्ष में एमपी के एक भी विधायक ने अपनी संपत्ति की जानकारी विधानसभा को नहीं दी है. 2019 जिस साल संकल्प पारित हुआ उस साल से अब तक चुनिंदा विधायक ही जानकारी देते आये हैं.. जनता जान नहीं पा रही है उनके विधायक की संपत्ति क्या है?
विधायकों के लिए बाध्यता नहीं
विधानसभा प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि विधानसभा में साल 2019 में सर्वसंपत्ति संपत्ति से संकल्प पारित हुआ था कि विधायक अपनी संपत्ति का ब्यौरा सदन को देंगे. शुरुआत में कुछ विधायकों ने ब्यौरा विधानसभा सचिवालय को दिया, लेकिन धीरे-धीरे विधायकों ने विधानसभा में लिया संकल्प भुला दिया. विधानसभा लगातार साल 2019 से सभी विधायकों को हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी उपलब्ध कराने का संकल्प याद दिलाता रहा, लेकिन विधायक जानकारी नहीं दी रहे हैं. हैरत की बात तो यह है कि लास्ट साल एक विधायक में विधानसभा को जानकारी नहीं दी है. प्रमुख सचिव ने कहा कि संकल्प में बाध्यता नहीं होना एक वजह है.
क्या बोले मंत्री?
विधानसभा में संपत्ति के ब्यौरे को लेकर मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा का बयान सामने आया. मंत्री कुशवाहा बोले कि पहले भी विधायक और मंत्री रह चुके हैं और इस प्रक्रिया का हमने पालन किया है. इस बार फिर से विधायक चुना गया हूं. इसका पालन करूंगा. राजनीति के लिए या बहुत जरूरी है. हमारी संपत्ति की जानकारी सभी को रहनी चाहिए. विधानसभा में प्रस्ताव पारित हुआ है तो हम सब की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. पारदर्शिता बनी रहे इसलिए अपनी संपत्ति की जानकारी देनी चाहिए. सभी विधायकों को अपनी संपत्ति की जानकारी देनी चाहिए, ताकि पारदर्शिता रहे और जनता को भी पता रहे.
रिपोर्ट: आकाश द्विवेदी, भोपाल