अचानक आग लगने से आस-पास अफरा तफरी मच गई. लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था. ऐसे में कुछ लोगों ने आनन-फानन में फायर ब्रिगेड को फोन लगाया. तहसील मुख्यालय से कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची और आग बुझाने लगी लेकिन एक मिनट में ही गाड़ी का पानी खत्म हो गया.
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रायसेनः क्या आपने कभी ऐसा नजारा देखा है कि कहीं आग लग जाए और आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड की जो गाड़ी पहुंचे, उसमें पानी ही न हो! जी हां कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से. दरअसल, बरेली तहसील के देवरी गांव में एक व्यापारी के मकान और कपड़े की दुकान में आग लग गई. स्थानीय लोगों ने तत्काल मामले की जानकारी फायर बिग्रेड को दी. खास बात यह है कि फायर बिग्रेड की गाड़ी तो मौके पर पहुंच गई, लेकिन आग बुझाने के लिए गाड़ी में पानी ही नहीं था. लिहाजा व्यापारी का सब कुछ जलकर खाक हो गया.
गैस सिलेंडर फटने से लगी आग
दरअसल, देवरी गांव में रहने वाले अनुज बरसैया ने अपने घर में ही एक कपड़े की दुकान खोल रखी है. घर के सभी लोग बाहर गए हुए थे. केवल अनुज ही घर में मौजूद थे. शाम के वक्त वे दुकान बंद कर घर पहुंचे. अचानक उन्हें याद आया है कि दूध गरम करना है और अनुज ने दूध गरम करने के लिए गैस पर रख दिया, लेकिन वे उसे उतारना भूल गए और घर से बाहर निकल गए. जिसके कुछ देर बात अचानक सिलेंडर में ब्लास्ट हुआ और चंद मिनटों में ही आग घर और दुकान में फैल गई.
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70 लाख रुपए का हुआ नुकसान
अचानक आग लगने से आस-पास अफरा तफरी मच गई. लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था. ऐसे में कुछ लोगों ने आनन-फानन में फायर ब्रिगेड को फोन लगाया. तहसील मुख्यालय से कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची और आग बुझाने लगी, लेकिन एक मिनट में ही गाड़ी का पानी खत्म हो गया. फिर क्या था आग से दुकान और मकान का सामान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया. इस घटना में व्यापारी अनुज बरसैया को करीब 70 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.
पानी का टैंकर बुलाकर पाया आग पर काबू
जब फायर ब्रिगेड की गाड़ी में पानी खत्म हो गया. ऐसे में आग बुझाने के लिए स्थानीय लोगों ने आस-पास के टैंकर बुलाए और जैसे-तैसे आग पर काबू पाया. लेकिन आग इतनी तेज थी कि जब तक उसे बुझाया गया तब तक घर और दुकान में रखा सारा समान जल चुका था.
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प्रशासन पर खड़े हुए सवाल
भले ही ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया लेकिन इस घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि आग लगने की सूचना काफी देर पहले तहसील मुख्यालय पर दे दी थी. लेकिन जब फायर बिग्रेड की गाड़ी में पानी ही नहीं था तो क्या मतलब. ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी मुस्तैदी के चलते आग पर काबू पा लिया गया. लेकिन अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता?
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