Teachers Day: शाजापुर के शिक्षक आशीष जोशी सम्मानित, 2020 में 'नई शिक्षा नीति' के कारण MP में रहे थे फर्स्ट
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh980014

Teachers Day: शाजापुर के शिक्षक आशीष जोशी सम्मानित, 2020 में 'नई शिक्षा नीति' के कारण MP में रहे थे फर्स्ट

पिछले साल भी नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन विषय पर आयोजित शैक्षिक संगोष्ठी में उन्हें 52 जिलों के प्रतिभागियों में पहला स्थान मिला था.

बच्चों को पढ़ाते शिक्षक आशीष जोशी

मनोज जैन/शाजापुरः Teacher's day Awards 2021: देशभर में आज शिक्षक दिवस मनाया गया. मध्य प्रदेश में भी शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य के शिक्षकों को सम्मानित किया गया. सम्मानित किए गए शिक्षकों में शाजापुर उत्कृष्ट विद्यालय में गणित पढ़ा रहे शिक्षक आशीष जोशी का चयन भी हुआ. उन्हें राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया. जिला कलेक्टर द्वारा उन्हें पुरस्कार स्वरूप शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और 25 हजार रुपए की राशि दी गई. 

पिछले साल भी मिला था सम्मान
आशीष जोशी को यह कोई पहली बार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम के लिए अवॉर्ड नहीं मिला. इससे पहले पिछले साल भी नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन विषय पर आयोजित शैक्षिक संगोष्ठी में उन्हें 52 जिलों के प्रतिभागियों में पहला स्थान मिला था. उन्होंने शिक्षा के साथ स्कूली बच्चों के माध्यम से स्वच्छता अभियान, नई वैज्ञानिक पद्धतियों से विद्यार्थियों को शिक्षा एवं बच्चों को पढ़ने व स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया. इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चों ने बेहतर परिणाम भी दिए हैं. 

यह भी पढ़ेंः-  MP में कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शनः भैंस के आगे बजाई बीन, बोले- बीजेपी सरकार सोई हुई, जगाने की कोशिश जारी

पहले माध्यमिक अब हाईस्कूल में शिक्षक
नियुक्ति के दौरान से ही जोशी को शासकीय माध्यमिक विद्यालय कांकड़ी में पदस्थ किया गया. उस समय स्कूल में 20 बच्चे थे, लेकिन जोशी के प्रयासों से ये संख्या 110 के पार पहुंच गई. जोशी इस वक्त उत्कृष्ट विद्यालय शाजापुर में गणित पढ़ा रहे हैं. छात्रों की सहभागिता से गणित प्रयोगशाला का निर्माण किया गया, ताकि बच्चे स्वयं गणित के प्रैक्टिकल करके सीख सकें. 

इस कारण मिला अवॉर्ड

  • उन्होंने छात्र छात्राओं के सहयोग से यंग इंडिया बैंड बनाया, बैंड के माध्यम से गांवभर के लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया. 
  • गतिविधि कक्ष का निर्माण, इससे विद्याथियों में रचनात्मक विकास हुआ.
  • वर्किंग मॉडल आधारित 'कबाड़ से जुगाड़' विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की. जो माध्यमिक विद्यालय में मात्र कल्पना होती है उसे साकार किया.
  • मालवी संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु लोकगीतों की प्रस्तुति व सांस्कृतिक आयोजन करवाएं, जिससे स्थानीय कला को प्रोत्साहना मिली.

यह भी पढ़ेंः- MP में तबादलों पर सियासतः कांग्रेस बोली- उपचुनाव में लेना चाह रहे फायदा, BJP बोली- विपक्ष मूर्खों की जमात

WATCH LIVE TV

Trending news