बाबा महाकाल के भक्तों के लिए अच्छी खबर, भस्म आरती को लेकर आया बड़ा फैसला
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बाबा महाकाल के भक्तों के लिए अच्छी खबर, भस्म आरती को लेकर आया बड़ा फैसला

कोरोना के चलते भस्म आरती में भक्तों के प्रवेश पर पिछले 17 महीनों से रोक लगी हुई थी. 

बाबा महाकाल की भस्म आरती (फाइल फोटो)

राहुल सिंह राठौर/उज्जैनः बाबा महाकाल के भक्तों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. अगले सप्ताह से बाबा महाकाल की भस्म आरती में दर्शनार्थियों प्रवेश मिलना शुरू हो जाएगा. हालांकि केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा. इसके लिए सुबह 11 बजे मंदिर प्रबंध समिति डेट तय करेगी. वहीं प्रोटोकॉल से दर्शन करने वालों को भी अब 100 रुपये की रसीद कटवानी होगी.

बता दें कि कोरोना के चलते भस्म आरती में भक्तों के प्रवेश पर पिछले 17 महीनों से मंदिर प्रबंधन समिति की तरफ से रोक लगी हुई थी. लेकिन अब कोविड के कम होते प्रभाव को देखते हुए भस्म आरती के दौरान 50 प्रतिशत क्षमता के साथ श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा. हालांकि इस दौरान भी नंदी हाल में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. यह फैसला प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव की मौजूदगी में लिया गया है. जबकि बाबा महाकाल की शाही सवारी अभी भी परिवर्तित मार्ग से ही निकलेगी. 

सर्किट हाऊस में हुई थी बैठक 
दरअसल, उज्जैन के सर्किट हाऊस में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ श्री महाकालेश्वर भगवान की शाही सवारी और भस्म आरती के संबंध में चर्चा की गई. जिसमें फैसला लिया गया कि अगले हफ्ते से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ भक्तों को भस्म आरती में प्रवेश दिया जाएगा. जबकि प्रोटोकॉल से दर्शन करने वालो को भी अब 100 रुपए की रसीद कटवानी होगी तभी उन्हें दर्शन लाभ मिलेगा. भस्म आरती के पहले ऑनलाइन बुकिंग से होगी. 

इस दौरान निर्णय लिया गया कि श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी हाल ही में निकाली गई सवारियों के अनुसार कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परिवर्तित मार्ग से निकाली जाए. जिसमें पुजारी एवं कहारों के माध्यम से सवारी भव्यता से निकाली जाएगी. कोविड प्रोटोकॉल के कारण आमजन सवारी में शामिल नहीं रह सकेंगे. सवारी में पुलिस बैंड अपनी सेवा देगा. विभिन धार्मिक पर्व मनाने के लिये पूर्व की तरह कोविड गाइड लाइन का पालन किया जाएगा. सभी प्रकार के धार्मिक चल समारोह, जुलूस, रैली इत्यादि प्रतिबंधित रहेंगे. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक समारोह का आयोजन नहीं होगा, इस तरह के आयोजन केवल धार्मिक स्थानों व परिसर के अंदर ही किये जा सकेंगे.

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